चमकी बुखार से बचाव को लेकर संभावित इलाकों में आशा कार्यक्रताएं करेंगी मॉनिटरिंग

यह भी पढ़ें

- Advertisement -

प्रखंड स्तरीय टीम पंचायतों में जाकर ले जा रही है स्थिति की जानकारी

आंगनबाड़ी केंद्रों और गांवों में जल्द शुरू होगा ओआरएस का वितरण

मच्छरों से बचाव के लिए भी लोगों को जागरूक करने की दी जानकारी

बक्सर, 09 अप्रैल | अचानक मौसम में हुए बदलाव के कारण जिले के तापमान में थोड़ी नरमी जरूर आई है, लेकिन आगामी दिनों में भारी गर्मी की संभावना जताई जा रही है। साथ ही, राज्य स्वास्थ्य समिति ने इस बार मस्तिष्क ज्वार (चमकी बुखार) से प्रभावित जिलों के साथ साथ सभी जिलों को अलर्ट रहने का निर्देश जारी किया है। जिसको देखते हुए स्वास्थ्य विभाग जिला और प्रखंड स्तर पर तैयारियां तेज कर ली गई हैं।

- Advertisement -

वहीं, चमकी बुखार से बच्चों को बचाने के लिए अब पंचायतों और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स (एचडब्ल्यूसी) स्तर पर मॉनिटरिंग तेज कर दी गई है। इस क्रम में मंगलवार को जिले में डुमरांव प्रखंड के कोपवा में प्रखंड स्तरीय टीम ने एचडब्ल्यूसी और गांवों में चमकी बुखार को लेकर किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की।

जिसमें आशा कार्यकर्ताओं को चमकी बुखार से बच्चों को बचाने के लिए अभिभावकों को जागरूक करने, चमकी की स्थिति में प्राथमिक प्रबंधन, बचाव और इलाज की जानकारी देने का निर्देश भी दिया गया। साथ ही, मच्छरों के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए लोगों को मलेरिया और इसके प्रबंधन को लेकर भी जागरूक करने की सलाह दी गई।

हीट वेव और चमकी बुखार के इलाज के लिए लोगों को दें जानकारी

बीसीएम अक्षय कुमार ने आशा कार्यकर्ताओं को बताया कि हीट वेव और चमकी बुखार के लिए जिला और प्रखंड स्तर पर सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। चमकी बुखार से ग्रसित बच्चों के इलाज के लिए अनुमंडल स्तर पर 15 और प्रखंड स्तर पर एक बेड सुरक्षित किया गया है। जहां पर बच्चों का इलाज किया जायेगा। लेकिन इसकी जानकारी लोगों तक पहुंचे इसके लिए आशा कार्यकर्ताएं अपने अपने क्षेत्र में जाकर लोगों को इसकी जानकारी देंगी।

साथ ही, उन्हें चमकी बुखार से बचाव को लेकर भी जागरूक किया जाए। जिससे आपात स्थिति में वो अस्पताल में कॉल कर एम्बुलेंस की मांग कर सकें। उन्होंने बताया कि हीट वेव से बचाव के लिए भी पीएचसी स्तर पर तैयारियां कर ली गई हैं। जैसे ही ओआरएस पैकेट्स उपलब्ध कराए जाएंगे, आंगनबाड़ी केंद्रों व एचडब्ल्यूसी स्तर पर तथा गांवों में उसका वितरण शुरू किया जायेगा।

वेक्टर जनित रोग सुपरवाइजर अभिषेक सिन्हा ने बताया कि चमकी बुखार से बचाव के लिए कुछ खास इलाकों की मॉनिटरिंग आवश्यक है। इस बीमारी से इन बच्चों को अधिक खतरा रहता है :

  • एक से 15 वर्ष के कुपोषित बच्चों को
  • वैसे बच्चे जो धान के खेत के आसपास रहते हों
  • वैसे बच्चे जो जलीय पक्षी यथा सारस, बगुला, बत्तख के संपर्क में रहते हों
  • वैसे बच्चे जो गांव में सुअरबाड़ों के नजदीक रहते हों
  • वैसे बच्चे जो बिना भरपेट भोजन किये रात में सो जाते हों
  • वैसे बच्चे जो गर्मी के दिनों में बिना खाना पानी की परवाह किये धूप में खेलते हों
  • वैसे कुपोषित बच्चे जो कच्चे अधपके हुए लीची का सेवन करते हों
    इस लिए ऐसे बच्चों को व इलाकों को चिह्नित करते हुए अभिभावकों को जागरूक करना जरूरी है। जिससे चमकी बुखार की चपेट में आने से ऐसे बच्चों को बचाया जा सके। इस दौरान बीएमईए उमेश कुमार, डब्ल्यूएचओ मॉनिटर अशोक कुमार, सीएचओ, एएनएम और आशा कार्यकर्ताएं मौजूद रही।
- Advertisement -

विज्ञापन और पोर्टल को सहयोग करने के लिए इसका उपयोग करें

spot_img
0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

विज्ञापन

spot_img

विज्ञापन

spot_img

विज्ञापन

spot_img

संबंधित खबरें