गोकुल जलाशय मत्स्य एवं प्रवासी पक्षियों के लिए एक अनुकूल कॉरिडोर के रूप में कार्य करेगा : अश्विनी चौबे
पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ आसपास के क्षेत्र में पर्यटन को भी मिलेगी गति।
बक्सर। केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि गोकुल जलाशय से मत्स्य और प्रवासी पक्षियों के लिए एक अनुकूल कॉरिडोर के रूप में कार्य करेगा। पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ इस इलाके में पर्यटन को भी गति मिलेगी। आने वाले समय में यह जलाशय पर्यटन के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर रोजगार का भी एक मुख्य जरिया बनेगा। इसे ध्यान में रखकर पूरे इलाके का संरक्षण एवं विकास की योजना तैयार की गई है।
केंद्रीय मंत्री श्री चौबे दल्लूपुर ब्रह्मपुर में गोकुल जलाशय के संरक्षण संवर्धन के शिलान्यास समारोह के अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बिहार राज्य में केवल एक रामसर साइट थे। परंतु अब बिहार को भी गोकुल जलाशय के अतिरिक्त तीन और रामसर साइट उदयपुर झील, विक्रमशिला डॉल्फिन, आश्रयणी और गोगाबील जल्द मिलेगी।
केंद्रीय मंत्री श्री चौबे के प्रयास से 35 किलोमीटर तक पहले इस जलाशय के अस्तित्व को बचाने के लिए कई प्रयास लगातार मंत्रालय के स्तर पर किए गए हैं। यहां पर्यटन के अपार संभावनाओं के दृष्टिगत इसके जीर्णोद्धार की नितांत आवश्यकता थी। केंद्रीय मंत्री श्री चौबे ने पिछले वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर जलाशय के तट पर स्कूली बच्चों के संग पौधारोपण किया था।
स्थानीय लोगों को भी पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित किया गया। 62 करोड रुपए के लागत से जलाशय के जीर्णोद्धार की घोषणा की थी। उन्होंने इस मौके पर कहा कि केंद्र व राज्य सरकार की संयुक्त टीम ने निरीक्षण उपरांत गोकुल जलाशय के संरक्षण एवं संवर्धन की अनुशंसा की थी। केंद्रीय मंत्री श्री चौबे की पहल पर बिहार राज्य वेटलैंड अथॉरिटी ने केंद्र सरकार एवं वेटलैंड इंटरनेशनल के सहयोग से एक एकीकृत मैनेजमेंट प्लान बनाया, जो की 5 वर्षों के कालखंड में कई चरणों में लागू किया जाएगा।
पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने एकत्रित केंद्र प्रायोजित नेशनल प्लान फॉर कंजर्वेशन ऑफ एक्वेटिक इकोसिस्टम योजना के तहत गोकुल जलाशय के संरक्षण संवर्धन एवं सर्वांगीण विकास हेतु 32 करोड रुपए की राशि आवंटित की है। इसके अतिरिक्त कैंपा फंड के तहत गोकुल जलाशय के चारों तरफ वृक्षारोपण किया जाएगा। जो एक नेचुरल फेंसिंग की तरह काम करेगा। जिससे यहां की प्राकृतिक सुंदरता को चार चांद लगेगा।
यह देश में अपने आप में एक अनूठी पहल होगी। इस आध्यात्मिक नगरी में आने वाले पर्यटकों को बक्सर में प्राकृतिक सुंदरता से रूबरू होने का एक और स्थल गोकुल जलाशय के रूप में मिलेगा। आने वाले वर्ष में गोकुल जलाशय रामसर साइट में एक अंतरराष्ट्रीय पहचान बनाएगा। केंद्रीय मंत्री श्री चौबे ने कहा कि इको टूरिज्म के तहत इस जलाशय का विकास किया जाएगा। जो कि पर्यावरणीय अनुकूल पद्धति से पर्यटन को बढ़ावा देने की एक मुहीम है।
इको टूरिज्म के तहत जलाशय के समीप आधारभूत संरचनाओं का विकास होगा। यहां के स्थानीय निवासी, युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। साथ ही मत्स्य पालनकर्ता और स्थानीय किसानों को उनकी आय दोगुनी करने में भी मदद करेगा।
वेटलैंड प्रबंधन के क्षेत्र में स्थानीय समुदाय में विशेष कर महिलाओं और युवाओं की सक्रिय भूमिका वेटलैंड मित्र के रूप में सुनिश्चित की जाएगी। जो इनकी अतिरिक्त आय उपार्जन का साधन बनेगी। इस अवसर पर वन विभाग के आल्हा अधिकारी भी मौजूद थे।