गोकुल जलाशय के विकास को केंद्रीय वन, पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन तथा रामरेखा घाट पर लाइट एंड साउंड के लिए केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने राशि स्वीकृत की

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बक्सर के विकास तीर्थ को मिल रही है गति : अश्विनी चौबे

बक्सर। केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि जहाँ अयोध्या में भगवान श्रीराम के जन्मभूमि में प्राण प्रतिष्ठा का उत्साह बक्सरवासियों में हैं, वहीं यह ऐतिहासिक समय बक्सर के लिए दोगुना खुशी लेकर आया है। बहुप्रतीक्षित गोकुल जलाशय के विकास व सौंदर्यीकरण के लिए केंद्रीय वन, पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने 62 करोड़ रुपए की स्वीकृति प्रदान कर दी है।

साथ ही रामरेखा घाट पर सालों से बंद व उजाड़ पड़े लाइट एंड सांउड स्थल का गुलजार होगा। इसके जीर्णोद्धार के लिए केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने 6 करोड़ की राशि की स्वीकृति प्रदान कर दी है। रविवार से 15125/26 बनारस-पटना-बनारस जनशताब्दी एक्सप्रेस का डुमरांव स्टेशन तथा 20801/02 इसलामपुर-नई दिल्ली-इसलामपुर मगधएक्सप्रेस का रघुनाथपुर स्टेशन पर ठहराव शुरू हो जायेगा।

केंद्रीय मंत्री श्री चौबे ने कहा कि बक्सर के विकास तीर्थ को गति मिल रही है। गोकुल जलाशय, रामरेखा घाट पर लाइट एंड साउंड से पर्यटन को गति मिलेगी। रोजगार के अवसर मिलेगा। साथ उक्त ट्रेनों के ठहराव से स्थानीय लोगों को काफी सहूलियत होगी। केंद्रीय मंत्री श्री चौबे रविवार को उक्त स्टेशनों पर ठहराव के समय उपस्थित रहेंगे।

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साथ ही हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। लाइट व साउंड के लिए रामरेखा घाट पर पूजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। *लाइफ लाइन बनेगी गोकुल जलाशय*केंद्रीय मंत्री श्री चौबे ने कहा कि गोकुल जलाशय रोजगार व पर्यटन का केंद्र बने, इसके दृष्टिगत कार्य हो रहा है। इसे लेकर लगातार प्रयास हो रहा था। राशि की स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। यह जलाशय विदेशी पक्षियों के लिए आकर्षण का केंद्र है।

ज्ञात हो कि35 किलोमीटर के दायरे में फैले इस जलाशय के पर्यटन महत्व के दृष्टिगत, केंद्रीय मंत्री-सह-सांसद, श्री चौबे का अथक प्रयास आज रंग लाया है, जब भारत सरकार ने जलाशय के सौंदर्यकरण एवं विकास के लिए 62 करोड़ रूपये की परियोजना की स्वीकृति दी है। विश्व पर्यावरण के दिवस के अवसर पर 5 जून, 2023 में, केन्द्रीय राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने विभागीय अधिकारियों के साथ जलाशय का निरीक्षण करने के बाद घोषणा की थी।

यहां सबसे पहले विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर उन्होंने ब्रह्मपुर के गंगा दियारा इलाके में गोकुल जलाशय के तट पर स्कूली बच्चों के संग पौधरोपण किया था।संकल्प से सिद्धि के मूलमंत्र को चरितार्थ करते हुए, केंद्रीय मंत्री श्री चौबे ने अपना वादा निभाया। इस परियोजना से क्षेत्र के लोगों की आजीविका में वृद्धि होगी। रोज़गार के नए अवसर सृजन होंगे।पौधों व पक्षी-पशुओं का होगा संरक्षण। इस परियोजना के तहत मृदा और जल प्रबंधन की एक व्यापक योजना बनायी गई है।

इससे जैव विविधता, स्थानीय पशु-पौधों की प्रजातियों के संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही स्थानीय लोगो के जीविकोपार्जन कि लिये भी सरकार के विभिन्न योजनायाओं से जोड़ा जाएगा। इससे यहाँ ईको टूरिज्म भी बढ़ेगा और रोज़गार कि नये अवसर खुलेंगे। केंद्रीय मंत्री श्री चौबे ने दो दशक से उठ रही इस मांग को संज्ञान में लिया।

संबद्ध मंत्रालय का मंत्री बनते ही कार्य शुरू कराया। जीर्णोद्धार की मांग। यह जलाशय दियारांचल क्षेत्र के मत्स्य पालकों एवं कृषकों के लिए वरदान साबित हो रहा था, जो अपने अस्तित्व को बचाने लिए जूझ रहा था। गोकुल जलाशय का विकास पांच वर्ष में इस धनराशि के अलावा कैंपा एवं भारत सरकार के अंतर्गत अन्य स्कीमो के समायोजन करके किया जायेगा। पर्यावरणीय अनुकूलन विकास के लिए, वृहद वृक्षारोपण किया जायेगा। इसे अंतराष्ट्रीय महत्व के पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित किया जायेगा।

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