गर्भपात कराने के बदले महिलाओं को अंतरा का इस्तेमाल करना सही

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महिलाएं गर्भवती होना चाहती है तो अंतिम इंजेक्शन के 4 महीने बाद गर्भधारण संभव

रक्तश्राव कम होने के कारण एनिमिक महिलाओं के लिए यह फायदेमंद

बक्सर, 13 दिसंबर | जनसंख्या स्थिरीकरण के उद्देश्य से जहां एक ओर पुरुष नसबंदी पखवाड़ा का आयोजन किया जा रहा है। वहीं, दूसरी ओर महिलाओं और पुरुषों को नियोजन के अस्थायी साधनों के प्रति भी जागरूक किया जा रहा है। इन्हीं अस्थायी साधनों में से एक है अंतरा। जिसके लिए हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, अनुमंडल अस्पताल और सदर अस्पताल में शिविर का आयोजन भी किया जा रहा है।

साथ ही, स्वास्थ्य संस्थानों पर आईयूसीडी एवं अंतरा कैंप के आयोजन के साथ कंडोम बॉक्स व डिस्प्ले ट्रे भी लगाया जाता है। जिसमें पुरुषों के लिए कंडोम के अलावा महिलाओं के लिए सभी प्रकार के गर्भनिरोधक उपलब्ध कराए जाते हैं। ताकि, लोग परिवार नियोजन के इन अस्थायी साधनों का अधिक से अधिक उपयोग करें। साथ ही, ओपीडी एरिया, काउंसलिंग एरिया एवं टीकाकरण एरिया में प्रदर्शित करके संस्थान में आने वाले अधिक से अधिक लोगों को बास्केट ऑफ चॉइस के बारे में बताया जाता है। वहीं, महिलाआं को गर्भनिरोधक अपनाने के लिए प्रेरित भी किया जाता है।

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इस्तेमाल से एनीमिया व कैंसर से भी बचाव

अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. शैलेंद्र कुमार ने बताया कि बार-बार गर्भपात कराने के बदले महिलाओं को अस्थायी साधनों में से अंतरा का इस्तेमाल करना सही होता है। इसके इस्तेमाल से एनीमिया व कैंसर से भी बचाव होता है। रक्तश्राव कम होने से एनिमिक महिलाओं के लिए यह फायदेमंद है। अंतरा में प्रोजेस्टेरोन हार्मोंस होता है जो गर्भाशय, अंडाशय व स्तन के कैंसर से बचाव में सहायक है।

उन्होंने बताया कि महिला का शरीर हर महीने गर्भ के विकास के लिए तैयार होता है। अंतरा इंजेक्शन के बाद हर माह गर्भाशय तैयार नहीं होता है। कुछ समय माहवारी यानि पीरियड्स अनियमित होने के साथ बंद भी हो जाती है। इससे यह पता चलता है कि अंतरा सही ढंग से काम कर रहा है। जब महिला पुन: गर्भधारण करना चाहेगी और अंतरा विधि को बंद करेगी तो माहवारी चक्र पुन: शुरू हो जाएगा।

यह है अंतरा के इस्तेमाल का सही समय

प्रसव के छह सप्ताह बाद

माहवारी शुरू होने के सात दिन के अंदर

गर्भपात होने के तुरंत बाद या सात दिन के अंदर

अंतिम इंजेक्शन के 4 महीने बाद गर्भधारण संभव

अंतरा के इंजेक्शन को महिलाएं अपने माहवारी के दिनों में 1 से 7 दिन के बीच में इस इंजेक्शन को लगवा सकती हैं। अगर महिलाएं गर्भवती होना चाहती है तो अंतिम इंजेक्शन के 4 महीने बाद गर्भधारण संभव होता है। इस इंजेक्शन से महिला को किसी प्रकार का नुकसान या दर्द अनुभव नहीं होता है और इसकी खास बात यह है कि बच्चा होने के बाद (डिलीवरी के बाद) अगर महिला दोबारा जल्दी गर्भवती नहीं होना चाहती तो डिलीवरी के (प्रसव के) डेढ़ महीने बाद (6 हफ्ते बाद) यह इंजेक्शन लगवा सकती हैं।

माहवारी के ऐंठन को कम करता है

डीसीएम हिमांशु सिंह ने बताया कि अंतरा की सुई तीन महीने में सिर्फ एक बार लेने की अवश्यकता होती है। जो महिलाएं गोली नहीं खा सकतीं। बंद करने के पश्चात गर्भधारण में कोई समस्या नहीं होती। माहवारी के ऐंठन को कम करता है। यह सुई पूरी तरह से सुरक्षित है। पहले से चल रही किसी भी दवा के साथ इसे लिया जा सकता है। साथ ही, यह गर्भाशय व अंडाशय के कैंसर से बचाता है। इसके अलावा अंतरा की सुई लगवाने पर लाभुक और प्रेरक को 100-100 रुपए प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है।

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