कृष्ण जन्माष्टमी के दिन जंगली नाथ शिव मंदिर का वार्षिकोत्सव पूजन सह मेला, तैयारी में लगे समिति के लोग
डुमरांव. नगर परिषद क्षेत्र अंतर्गत जंगली नाथ शिव मंदिर का वार्षिकोत्सव पूजन सह मेला 26 अगस्त कृष्ण जन्माष्टमी के दिन निर्धारित है. बता दें भादो के प्रथम सोमवार को मंदिर का वार्षिक पूजन व मेला आयोजन होता है. वार्षिकोत्सव पूजन सह मेला को लेकर मंदिर समिति के लोग दिन रात लगे हुए हैं.
शुक्रवार को मंदिर परिसर सहित सड़कों पर ध्वनि विस्तारक यंत्र लगाने का कार्य शुरू हो गया है. मंदिर की साफ-सफाई, रंग रोगन व सजाने का कार्य चल रहा है. मंदिर समिति मंदिर से शक्ति द्वार और चाणक्य कालोनी रोड को जोड़ने वाले पथ पर रौशनी की व्यवस्था समिति द्वारा किया जाएगा. ताकि आवागमन करने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी न हो.
हालांकि मंदिर तक पहुंचने में स्थानीय लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा. राज हाई स्कूल के बगल से मंदिर पहुंच पथ में निर्माण कार्य चल रहा है. वहीं शक्ति द्वार से मंदिर पहुंच पथ जर्जर होने के साथ कुछ जगह सड़क किचड़ युक्त होने श्रद्धालुओं को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.
किदवंती की मानें तो दानी बाबा घनघोर जंगल में अवस्थित अपने आश्रम मे रहते थे. उनके सपने में दिखा यहां पर जमीन के नीचे शिवलिंग मौजूद है. बाबा ने उसको तत्काल खुदवाया, तो शिवलिंग पाया. झोपडीनुमा मंदिर बनाकर उनको स्थापित किया. मंदिर की चर्चा धीरे-धीरे फैल गई, तो श्रद्धालुओं ने मंदिर को जीर्णोद्धार करने को आगे आने लगे.
निर्माण शुरू हुआ तो आधे-अधूरे निर्माण के बाद अक्सर कोई न कोई मजदूर-मिस्त्री गिरकर जख्मी हो जाते थे. एक दिन दानी बाबा के सपने में शिवजी ने कहां कि मेरे अनुमति के बिना मंदिर व शिवलिंग की स्थापना कैसे हो रहीं. तब जाकर बाबा ने अनुमति ली.
उसके बाद निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ. जंगली नाथ शिव मंदिर परिसर प्राकृतिक घटा व सौंदर्य से भरा पड़ा है. मंदिर की कलाकृति भक्तों को आकर्षित करती है. भक्तों की सहयोग से यह मंदिर भव्य रूप ले लिया है.