
कटिहार, बिहार। बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) द्वारा आयोजित प्रधान शिक्षक परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों को लंबे इंतजार के बाद नियुक्ति पत्र मिल गया है। कटिहार जिले के सभी प्रखंड संसाधन केंद्रों पर सोमवार को नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसी क्रम में हसनगंज प्रखंड संसाधन केंद्र में भी समारोहपूर्वक प्रधान शिक्षक पद के लिए चयनित उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए गए।
कार्यक्रम के दौरान भावुकता और उत्साह का माहौल देखा गया। सभी नवनियुक्त प्रधान शिक्षकों ने यह संकल्प लिया कि वे विद्यालय के शैक्षणिक और प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार लाकर शिक्षा की गुणवत्ता में बेहतरी लाएंगे
21 से 26 जुलाई के बीच करेंगे योगदान
बिहार शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार, सभी नवनियुक्त प्रधान शिक्षक 21 जुलाई से 26 जुलाई के बीच अपने-अपने नवपदस्थापित विद्यालयों में योगदान देंगे। इसके लिए आवश्यक दिशा-निर्देश पहले ही जारी किए जा चुके हैं। योगदान के बाद इन प्रधान शिक्षकों से यह अपेक्षा की जा रही है कि वे विद्यालयों की व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने की दिशा में पहल करें।
नीरज नयन आनंद ने जताया संकल्प
नियुक्ति पत्र प्राप्त करने वाले शिक्षकों में नीरज नयन आनंद ने कहा कि, “मैं इस नई जिम्मेदारी को एक चुनौती के रूप में स्वीकार करता हूँ और पूरी निष्ठा से अपने कर्तव्यों का पालन करूंगा। मेरा प्रयास रहेगा कि विद्यालय को एक आदर्श संस्था के रूप में विकसित किया जा सके। मैं अपने अनुभव और मेहनत से बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ूंगा।
अन्य शिक्षकों ने भी जताई खुशी
नियुक्ति पत्र प्राप्त करने वालों में रश्मि झा, हेमंत कुमार, संजीव ठाकुर, जयनन्दन, शंकर पासवान समेत अन्य चयनित शिक्षक शामिल थे। सभी ने इस अवसर पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह उनके लिए गर्व का क्षण है और वे अपने कर्तव्यों को पूरी जिम्मेदारी के साथ निभाएंगे
उपस्थित रहे अधिकारी और शिक्षकगण
हसनगंज प्रखंड संसाधन केंद्र में आयोजित इस कार्यक्रम में लेखापाल विकास कुमार, संकुल समन्वयक सरोज कुमार, वरिष्ठ प्रधानाध्यापक विभाष झा एवं शिक्षक भोला कुमार भी उपस्थित रहे। सभी ने नवनियुक्त शिक्षकों को शुभकामनाएं दीं और उनसे विद्यालय में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया।
विद्यालयों की व्यवस्था में होगा सुधार
प्रधान शिक्षक की नियुक्ति से अब तक शिक्षकों के अभाव में जूझ रहे विद्यालयों में एक नई ऊर्जा का संचार होगा। प्रशासनिक व्यवस्था को मजबूत करने और शिक्षा की गुणवत्ता को ऊँचाई देने में इन नियुक्तियों की अहम भूमिका होगी।
यह नियुक्ति न केवल शिक्षकों के लिए एक उपलब्धि है, बल्कि राज्य के शिक्षा तंत्र के लिए भी एक सकारात्मक बदलाव की शुरुआत मानी जा रही है।
