एमडीए अभियान में पीएसजी सदस्यों की भूमिका रही अहम : लीलावती देवी

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छपरा, 24 फरवरी | जिले में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत सामूहिक दवा सेवन (एमडीए) अभियान का शुक्रवार को अंतिम दिन रहा। अब शनिवार से जिले के सभी प्रखंडों में एमडीए का मॉप अप राउंड शुरू होगा। जिसमें छूटे हुए लाभुकों को चिह्नित करते हुए फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन कराया जायेगा। अभियान के तहत आशा कार्यकर्ताओं के साथ साथ पेशेंट सपोर्ट ग्रुप के सदस्य भी लोगों को जागरूक करने और दवा खाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

इस क्रम में जिले के गरखा प्रखंड स्थित जलाल बसंत पंचायत में योग्य लाभुकों को फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन कराया जा रहा है। इस दौरान फाइलेरिया पेशेंट सपोर्ट ग्रुप की सदस्य राज कुमारी देवी, आशा कार्यकर्ता लीलावती देवी व मंजू देवी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर लाभुकों को प्रेरित करने में जुटी रहीं। दवा का सेवन कराने के दौरान राज कुमारी देवी लोगों को फाइलेरिया रोधी दवाओं का लाभ व न खाने के कारण होने वाले दुष्प्रभावों की जानकारी देती रहीं। जिसकी बदौलत पंचायत के अधिकांश लाभुकों ने दवाओं का सेवन किया।

फाइलेरिया को बढ़ने से रोका जा सकता है

पीएसजी सदस्य राज कुमारी देवी ने पंचायत के लोगों को बताया कि फाइलेरिया के हांथी पांव के कारण उन्हें काफी परेशानी होती है। जब जब मौसम में बदलाव होता है, उस दौरान उनकी परेशानी बढ़ जाती है। यदि, उन्हें शुरुआत से ही फाइलेरिया की जानकारी होती तो आज उन्हें इस परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता। एक बार जब फाइलेरिया हो जाता है,

तब उसका कोई मुकम्मल इलाज नहीं। हां, नियमित दवाओं के सेवन और साफ सफाई से इसको बढ़ने से रोका जा सकता है। उन्होंने लाभुकों से अपील करते हुए कहा कि वो फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन अनिवार्य रूप से करें। जिससे यदि उनमें माइक्रो फाइलेरिया के परिजीवी हो तो उनको नष्ट किया जा सके।

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एमडीए में मिला सदस्यों का सहयोग

एमडीए कार्यक्रम में लगी आशा कार्यकर्ता लीलावती देवी ने बताया, इस बार एमडीए अभियान में फाइलेरिया पेशेंट सपोर्ट ग्रुप के सदस्यों का भरपूर सहयोग मिला है। पूर्व के दिनों में जब वो क्षेत्र में दवा खिलाने के लिए जाती थीं, तब कई लोग दवा खाने से मना कर देते थे। काफी समझाने के बावजूद भी वो दवा खाने के लिए राजी नहीं होते।

लेकिन, इस बार एमडीए अभियान में पीएसजी सदस्यों का साथ अभियान की सफलता का मुख्य कारण रहा। जहां पर भी लोग दवा खाने में आनाकानी करते, वहां पीएसजी के सदस्य उन्हें फाइलेरिया की जानकारी देते रहे। जिसके बाद लाभुकों ने दवाओं का सेवन किया।

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