एड्स से एक व्यक्ति का जीवन ही नहीं बल्कि उससे संबंधित अन्य लोगों का जीवन भी प्रभावित होता है : जिलाधिकारी

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विश्व एड्स दिवस पर जिला मुख्यालय समेत सभी प्रखंडों में विभिन्न गतिविधियों का आयोजन
जिलाधिकारी ने एड्स के प्रति लोगों को जागरूक करने पर दिया बल

बक्सर : एड्स (एक्वायर्ड इम्यूनो डेफिसिएंसी सिंड्रोम) बीमारी के लिए जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से हर साल दिसंबर माह की पहली तारीख यानि एक दिसंबर को पूरी दुनिया में विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है। यह ह्यूमन इम्युनोडिफेशिएंसी वायरस (एचआईवी) संक्रमण से होने वाली जानलेवा बीमारी एड्स के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है।

इसका मकसद बीमारी के खिलाफ दुनियाभर के लोगों को एकजुट करने, एचआईवी से पीड़ित लोगों के साथ समर्थन दिखाने, एड्स से मरने वालों को याद करने और नए संक्रमणों को रोकने के खिलाफ जागरूकता फैलाना है। इस क्रम में शुक्रवार को जिला मुख्यालय समेत पूरे जिले में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।

जिसकी शुरुआत जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल ने शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से निकलने वाली जागरूकता रैली को हरी झंडी दिखाकर की। रैली में जीएनएम स्कूल के छात्र-छात्राओं ने हाथों में तख्ती लिए जागरूकता नारे भी लगाएं। मौके पर सिविल सर्जन बक्सर, एसीएमओ सह डीएमओ, जिला एड्स नियंत्रण पदाधिकारी सह सीडीओ, एमओआईसी, डीपीसी, डीसीएम समेत जिला स्वास्थ्य समिति और सदर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के पदाधिकारी और कर्मीगण मौजूद रहे।

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सदर अस्पताल में विश्व एड्स दिवस पर एक दिवसीय कार्यशाला का भी आयोजन हुआ। जिसमें सिविल सर्जन बक्सर के द्वारा बताया गया कि एड्स एक लाइलाज बीमारी है। जानकारी एवं शिक्षा ही इससे बचाव का सबसे सशक्त जरिया है। सभी गर्भवती माताओं को एड्स की जांच करानी चाहिए । यह सुविधा प्रखंड से लेकर जिला अस्पतालों तक निःशुल्क उपलब्ध है। राज्य सरकार ने 2030 तक राज्य को पूरी तरह से एड्स से मुक्त करने का लक्ष्य रखा है।

उन्होंने बताया कि इस साल वर्ल्ड एड्स डे की थीम लेट कम्युनिटी लीड है। यह थीम इस बात पर जोर देती है कि एड्स से प्रभावित लोग अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए अपनी आवाज उठाने में सक्षम बनें। बीमारी को रोकने के लिए समाज की अहम भूमिका के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए इस थीम को चुना गया है। साथ ही, इसका मकसद एड्स के बचाव में समाज ने जो महत्वपूर्ण योगदान दिए, उनकी सराहना करना है।

एचआईवी संक्रमण की जानकारी रखेगा सुरक्षित

जिला एड्स नियंत्रण पदाधिकारी सह सीडीओ के द्वारा बताया कि युवाओं में यौन शिक्षा का अभाव एचआईवी संक्रमण का सबसे बड़ा कारण है। असुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित सीरिंज या सुई का प्रयोग, संक्रमित रक्त आदि के प्रयोग के कारण होता है। वहीं एचआईवी संक्रमित माता से उसकी संतान को भी एचआईवी  संक्रमण होता है। ये शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को पूरी तरह समाप्त कर देती है।

जिससे पीड़ित अन्य घातक बीमारियों जैसे टीबी, कैंसर व अन्य संक्रामक बीमारियों से प्रभावित हो जाता है। एड्स से बचाव के लिए जीवनसाथी के अलावा किसी से यौन संबंध नहीं बनायें। यौन संपर्क के दौरान कंडोम का इस्तेमाल करें। नशीली दवाइयों के लिए सुई के इस्तेमाल से दूर रहें। एड्स पीड़ित महिलाएं गर्भधारण से पहले चिकित्सीय सलाह लें। बिना जांच के या अनजान व्यक्ति से रक्त न लें। वहीं डिस्पोजेबल सीरिंज व सुई उपयोग में लायें। दूसरों के प्रयोग में लाये गये ब्लेड, रेजर आदि को इस्तेमाल में नहीं लायें।

1097 हेल्पलाइन व ‘हम साथी’ एप से लें जानकारी

जिला आईसीटीसी पर्यवेक्षक के द्वारा बताया कि बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति द्वारा एचआईवी एड्स हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। हेल्पलाइन नंबर 1097 से एड्स संक्रमण होने के कारणों व बचाव के बारे में जानकारी ली जा सकती है। इसके साथ ही यदि एड्स की जांच या एड्स संबंधी इलाज सुविधा की भी सूचना प्राप्त कर सकते हैं।

इसके साथ ही ‘हम साथी’ मोबाइल एप डाउनलोड कर एड्स से संबंधित सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। यह मोबाइल एप एड्स के प्रति जागरूकता लाने और बच्चों में मां के माध्यम से एड्स के संक्रमण को रोकने के लिए विभिन्न जानकारियां उपलब्ध कराता है। मौके पर एमसीडीओ संजय कुमार, आईसीडीसी के प्रभारी डॉ. अनिल कुमार सिंह, दंत चिकित्सक डॉ. अरुण कुमार, जयप्रभा ग्राम विकास मंडल के प्रोग्राम मैनेजर नरेंद्र कुमार पांडेय, संबंधित अधिकारी एवं कर्मी उपस्थित थे।

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