एचआईवी मरीजों के इलाज के लिए जल्द शुरू होगा लिंक एआरटी सेंटर
मरीजों को इलाज व दवाओं के लिए भोजपुर एआरटी सेंटर का चक्कर लगाने से मिलेगी मुक्ति, सदर अस्पताल स्थित लिंक एआरटी सेंटर में मरीजों को मिलेगी दवा और उचित परामर्श
बक्सर : राज्य स्वास्थ्य समिति ने जिले के एड्स और एचआईवी पीड़ितों को राहत देने जा रही है। जिसके तहत जिले में एंटी रेट्रोवायरल थेरेपी (लिंक-एआरटी) सेंटर की शुरुआत करने जा रही है। जिससे एड्स और एचआईवी के मरीज को एआरटी के लिए बार-बार भोजपुर एआरटी पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। जल्द ही सदर अस्पताल स्थित लिंक एआरटी सेंटर से एड्स के मरीजों को भी दवाओं के साथ अन्य सुविधा मिलने लगेगी।
एचआईवी और एड्स से ग्रसित मरीजों को दवाइयां एआरटी सेंटर पर ही मिलती हैं। इससे पूर्व मरीजों भोजपुर जिले में स्थित एआरटी सेंटर से दवाएं दी जाती थी। ऐसे में मरीजों की सहूलियत के लिए बक्सर में लिंक एआरटी सेंटर स्थापित होने से मरीजों का कैडमियम यूरिन (सीडीयू) टेस्ट भी होगा। सीडीयू टेस्ट से यह जानकारी मिलेगी कि मरीज के शरीर में एचआईवी वायरस कितनी मात्रा में फैल चुका है। इसके आधार पर उसे दवाइयां दी जा सकेंगी।
जांच में आएगी तेजी
जिला एड्स नियंत्रण पदाधिकारी सह संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. शालिग्राम पांडेय ने बताया कि लिंक एआरटी सेंटर के खुलने से एचआईवी और एड्स के संभावित मरीजों की जांच में तेजी आएगी। साथ ही, उनका उचित काउंसिलिंग किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि एचआईवी और एड्स के मरीज को एकमुश्त में एक माह की दवा दी जाती है।
एक माह के बाद उनकी दोबारा जांच की जाती है और उस आधार पर दवाएं दी जाती हैं। किसी भी एचआईवी से संक्रमित के दवा की डोज नहीं छूटनी चाहिए। यदि किसी कारण मरीज दवा की डोज छोड़ता है तो उसके शरीर में वायरल लोड बढ़ने की संभावना बन जाती है। जो खतरनाक है। रोग प्रतिरोधक क्षता कम होगी और दूसरी तरह की बीमारियां भी आक्रमण कर सकती है जिसमें टीबी सबसे प्रमुख है।
इस वर्ष 53 संक्रमित मरीजों की हुई पुष्टि
जिला आईसीटीसी पर्यवेक्षक शिव कृपाल दास ने बताया, जिले में प्रत्येक साल एड्स व एचआईवी के मरीज मिलते हैं। वर्ष 2022-23 में 109 मरीजों की पुष्टि हुई थी। साथ ही, छह गर्भवती महिलाएं भी संक्रमित पाई गई थीं। वहीं, वर्ष 2023-24 में अब तक पांच गर्भवती महिलाएं और 53 अन्य संक्रमित मरीजों की पुष्टि हुई हैं। जिनमें छह लोग टीबी और एचआईवी दोनों से संक्रमित हैं। जिनका इलाज चल रहा है। उन्होंने बताया कि लिंक एआरटी सेंटर की शुरुआत होने से मरीजों की निगरानी और काउंसलिंग में भी सहूलियत होगी। साथ ही, मरीजों को सुविधाजनक इलाज मुहैया कराया जाएगा।
उपलब्ध हो चुकी हैं दवाएं
सदर अस्पताल में एआरटी सेंटर बनकर तैयार है। जिसका संचालन जल्द शुरू किया जाएगा। इसके लिए दवाओं का स्टॉक भी उपलब्ध हो चुका है। साथ ही, जिला यक्ष्मा विभाग के चिकित्सा पदाधिकारी को एआरटी का प्रशिक्षण देने की तैयारी चल रही है। जिसके बाद लिंक एआरटी में मरीजों की जांच व उनका इलाज शुरू किया जाएगा। साथ ही, इसके संचालन से एचआईवी से संक्रमित मरीजों को दवा लेने के लिए भोजपुर या पटना नहीं जाना पड़ेगा। – डॉ. सुरेश चंद सिन्हा, सिविल सर्जन, जिला स्वास्थ्य समिति, बक्सर