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उत्क्रमित मध्य विद्यालय दरियापुर में विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस का सफल आयोजन

शिक्षिका सिंधु कुमारी एवं अन्य शिक्षकों ने निभाई अहम भूमिका

पूर्वी चंपारण, बिहार। उत्क्रमित मध्य विद्यालय दरियापुर, अभ्यासिक प्रखंड संग्रामपुर में 28 मई को विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस के अवसर पर एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का नेतृत्व विद्यालय के वरीय शिक्षक श्री ज्ञान प्रिय के मार्गदर्शन में किया गया, जिसमें छात्राओं को मासिक धर्म से जुड़ी स्वच्छता, सामाजिक सोच और स्वास्थ्य से संबंधित महत्त्वपूर्ण जानकारियाँ दी गईं।

शिक्षकों की सक्रिय भूमिका

इस सफल आयोजन में कई शिक्षकों ने उल्लेखनीय योगदान दिया। शाहिद जफर, देवेंद्र कुमार, नीरज कुमार, सिंधु कुमारी और निधि कुमारी ने कार्यक्रम के आयोजन, संचालन और जागरूकता सामग्री के वितरण में विशेष भूमिका निभाई। उन्होंने छात्राओं को प्रेरणादायक स्लोगन, कोट्स और स्वास्थ्य टिप्स के माध्यम से मासिक धर्म को लेकर समाज में फैली भ्रांतियों को दूर करने का संदेश दिया।

मासिक धर्म : एक प्राकृतिक प्रक्रिया

कार्यक्रम में बताया गया कि मासिक धर्म कोई रोग नहीं, बल्कि यह एक नेचुरल बॉयोलॉजिकल प्रोसेस है। दुर्भाग्यवश, समाज में इस विषय पर खुलकर चर्चा नहीं की जाती, जिससे महिलाओं और किशोरियों को कई बार संक्रमण और अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। शर्म और संकोच की यह दीवार तोड़ने के लिए इस प्रकार के कार्यक्रम बेहद जरूरी हैं।

छात्राओं को दी गई महत्वपूर्ण जानकारी

कार्यक्रम के दौरान छात्राओं को मासिक धर्म के समय स्वच्छता बनाए रखने के लिए कुछ उपयोगी सुझाव दिए गए, जिनमें शामिल हैं:

पैड या टैम्पोन को लंबे समय तक उपयोग में न रखें, हर 4–6 घंटे में बदलें।

प्यूबिक एरिया को साफ-सुथरा और सूखा रखें।

इस्तेमाल किए गए सैनिटरी पैड्स का सुरक्षित रूप से निपटान करें।

संक्रमण से बचाव के लिए साफ-सुथरे कपड़े पहनें और हाथों को अच्छी तरह से धोएं।

जागरूकता फैलाने का उद्देश्य

कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्राओं और समुदाय के बीच मासिक धर्म को लेकर जागरूकता फैलाना और सामाजिक रूढ़ियों को तोड़ना था। विद्यार्थियों के बीच प्रेरणादायक स्लोगन जैसे “मासिक धर्म शर्म नहीं, शक्ति है”, “स्वच्छता अपनाएं, संक्रमण दूर भगाएं” का भी वितरण किया गया।

उत्क्रमित मध्य विद्यालय दरियापुर का यह कार्यक्रम एक प्रेरणादायक प्रयास है जो समाज में एक सकारात्मक बदलाव की ओर संकेत करता है। मासिक धर्म को लेकर समाज में जो झिझक और चुप्पी है, उसे तोड़ने के लिए ऐसे कार्यक्रमों की निरंतरता आवश्यक है। विद्यालय प्रशासन, शिक्षक और छात्राएं इस सफल आयोजन के लिए बधाई के पात्र हैं।

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