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उत्क्रमित उच्च विद्यालय छाली दोहर मदनपुर में बालिका व्यक्तित्व विकास कार्यक्रम का आयोजन

— मेहंदी प्रतियोगिता में छात्राओं ने दिखाया प्रतिभा का जौहर

औरंगाबाद, बिहार। उत्क्रमित उच्च विद्यालय छाली दोहर मदनपुर में शुक्रवार को बालिकाओं के सर्वांगीण विकास हेतु “बालिका व्यक्तित्व विकास कार्यक्रम” का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विद्यालय परिसर में मेहंदी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लेकर अपनी कला, सृजनशीलता और पारंपरिक संस्कृति के प्रति लगाव का परिचय दिया।

इस कार्यक्रम का सफल नेतृत्व विद्यालय के शिक्षक श्री विनीत कुमार राय ने किया। उन्होंने बालिकाओं को आत्मनिर्भर, रचनात्मक एवं सांस्कृतिक रूप से समृद्ध बनाने के उद्देश्य से इस प्रतियोगिता का आयोजन करवाया। श्री राय ने अपने संबोधन में कहा कि ऐसी प्रतियोगिताएँ बालिकाओं के भीतर छिपी प्रतिभा को सामने लाने का सशक्त माध्यम हैं और इससे उनमें आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता का विकास होता है।

मेहंदी प्रतियोगिता में विद्यालय की कक्षा नवम एवं दशम की छात्राओं ने भाग लिया। प्रतिभागी छात्राओं में पायल, मनीषा, स्नेहा, प्रियांशु, शिवानी समेत अनेक बालिकाओं ने अपने उत्कृष्ट कला कौशल का प्रदर्शन किया। सभी छात्राओं ने पारंपरिक और आधुनिक डिजाइनों का बेहतरीन मिश्रण प्रस्तुत कर दर्शकों और निर्णायकों को प्रभावित किया।

निर्णायक मंडल द्वारा कलात्मकता, साज-सज्जा, समयबद्धता और प्रस्तुति के आधार पर परिणाम घोषित किए गए। प्रतियोगिता में प्रियांशु ने प्रथम स्थान प्राप्त कर सबको प्रभावित किया, जबकि पायल को द्वितीय स्थान और मनीषा कुमारी को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। विजेता छात्राओं को विद्यालय की ओर से सम्मानित किया गया और प्रोत्साहन स्वरूप प्रमाण पत्र एवं उपहार प्रदान किए गए।

विद्यालय के प्रधानाध्यापक ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे आयोजनों से बालिकाओं को एक नया मंच मिलता है, जहां वे अपनी कला और व्यक्तित्व का प्रदर्शन कर सकती हैं। उन्होंने भविष्य में और भी ऐसे रचनात्मक कार्यक्रम आयोजित करने की घोषणा की।

कार्यक्रम में सभी शिक्षक-शिक्षिकाएं, छात्र-छात्राएं एवं अभिभावक उपस्थित थे। आयोजन के अंत में धन्यवाद ज्ञापन शिक्षक विनीत कुमार राय ने किया और सभी को बालिकाओं को प्रोत्साहित करने हेतु आभार व्यक्त किया।

इस प्रकार यह आयोजन विद्यालय की शैक्षणिक गतिविधियों में एक महत्वपूर्ण अध्याय साबित हुआ, जो बालिकाओं के आत्मविश्वास और सृजनशीलता को नया आयाम प्रदान करेगा।

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