
दरभंगा से अंजू अन्नु की रिपोर्ट
मध्य विद्यालय खरारी (बालक), बहेरी में पर्यावरण संरक्षण व सुरक्षा शिक्षा पर विशेष कार्यक्रम
दरभंगा। पर्यावरण संरक्षण और जल सुरक्षा जैसे गंभीर विषयों को लेकर शनिवार को मध्य विद्यालय खरारी (बालक), बहेरी में एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अगुवाई प्रधानाध्यापक मो. अब्बास के नेतृत्व में की गई, जिसमें विद्यालय के इको क्लब के बच्चों ने सक्रिय भागीदारी निभाई। इस अवसर पर विद्यालय परिसर में कई प्रकार के छायादार व औषधीय पौधों का सामूहिक रूप से पौधारोपण किया गया।
फोकल शिक्षक रजनी कुमारी ने बच्चों को संबोधित करते हुए पौधारोपण के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि वृक्ष न केवल पर्यावरण को संतुलित बनाए रखते हैं, बल्कि वायु की गुणवत्ता सुधारने, भूमि संरक्षण, जलवायु नियंत्रण और जैव विविधता को बढ़ावा देने में भी सहायक होते हैं। उन्होंने बच्चों से आह्वान किया कि वे अपने घरों और आसपास भी पौधारोपण करें और पेड़ों की देखभाल को एक जिम्मेदारी के रूप में लें।
इसी क्रम में “सुरक्षित शनिवार” कार्यक्रम के अंतर्गत बच्चों को जल सुरक्षा और नाव दुर्घटना से बचाव के उपायों की जानकारी दी गई। फोकल शिक्षक रजनी कुमारी ने बच्चों को बताया कि जल निकायों के पास खेलना खतरनाक हो सकता है, विशेषकर जब निगरानी न हो। उन्होंने नाव में चढ़ते समय जीवन रक्षक जैकेट पहनने, सीमित भार के अनुसार ही सवारी करने, तेज बहाव वाले स्थानों से दूर रहने जैसे जरूरी सुझाव दिए। बच्चों को आपातकालीन स्थिति में क्या करना चाहिए, इसकी भी जानकारी दी गई।
कार्यक्रम में छात्रों ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए और पर्यावरण व जल सुरक्षा को लेकर पोस्टर बनाकर अपनी रचनात्मकता दिखाई। प्रधानाध्यापक मो. अब्बास ने कहा कि बच्चों को ऐसे कार्यक्रमों से न केवल ज्ञान प्राप्त होता है, बल्कि उनमें सामाजिक जिम्मेदारी की भावना भी विकसित होती है। उन्होंने इको क्लब के कार्यों की सराहना करते हुए भविष्य में भी इस तरह की गतिविधियों को नियमित रूप से आयोजित करने की बात कही।
कार्यक्रम के अंत में सभी विद्यार्थियों व शिक्षकों ने मिलकर पौधों की सुरक्षा की शपथ ली और यह संकल्प लिया कि वे न सिर्फ पेड़ लगाएंगे, बल्कि उन्हें संरक्षित भी करेंगे। कार्यक्रम की सफलता में विद्यालय के समस्त शिक्षकों, इको क्लब के संयोजक व छात्र-छात्राओं का सहयोग उल्लेखनीय रहा।
इस तरह का आयोजन न केवल पर्यावरण जागरूकता को बढ़ावा देता है, बल्कि बच्चों में सामाजिक जिम्मेदारी और सुरक्षा के प्रति सजगता भी उत्पन्न करता है।
