
बक्सर। जिला अधिवक्ता संघ के तत्वावधान में गुरुवार को वरिष्ठ अधिवक्ता रामजी सिंह की प्रथम पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम बार भवन में संपन्न हुआ, जहां उनके तैल्य चित्र का अनावरण मुख्य अतिथि जिला एवं सत्र न्यायाधीश हर्षित सिंह द्वारा किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष बबन ओझा ने की, जबकि मंच संचालन शेषनाथ सिंह ने किया।
इस अवसर पर जिला जज हर्षित सिंह ने स्वर्गीय रामजी सिंह को याद करते हुए कहा कि उन्होंने अपने लंबे अधिवक्ता जीवन में व्यवहार न्यायालय में महत्वपूर्ण योगदान दिया। विशेष रूप से आपराधिक मामलों में उनकी गहरी समझ और विशेषज्ञता के कारण वे न्यायिक क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित नाम बन गए थे। उन्होंने कहा कि रामजी सिंह न केवल एक कुशल अधिवक्ता थे, बल्कि उन्होंने अपने आचरण, ज्ञान और सादगी से अधिवक्ता समुदाय में एक आदर्श स्थापित किया। उन्होंने जूनियर अधिवक्ताओं को सदैव मार्गदर्शन दिया और प्रेरणा का स्रोत बने।
अध्यक्ष बबन ओझा ने जानकारी दी कि रामजी सिंह ने वर्ष 1968 में वकालत पेशे में कदम रखा था और अपने जीवन के अंतिम समय तक वे सक्रिय रूप से इस पेशे से जुड़े रहे। उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि रामजी सिंह का जीवन अधिवक्ताओं के लिए अनुकरणीय है।
कार्यक्रम में रामजी सिंह के परिजन भी उपस्थित थे, जिन्होंने अधिवक्ता समुदाय द्वारा दिए गए सम्मान के प्रति आभार व्यक्त किया। अधिवक्ताओं और न्यायिक पदाधिकारियों ने उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश उदय प्रताप सिंह, न्यायिक दंडाधिकारी मनीष कुमार शुक्ला, अनुपमा कुमारी, संजीत कुमार सिंह, महेश्वर नाथ पांडेय एवं देवेश कुमार सहित कई न्यायिक अधिकारी उपस्थित रहे।
वहीं अधिवक्ताओं में दिनाबाबू सिंह, रामश्रय सिंह, कामोद सिंह, सूबेदार पांडेय, कृपा राय, शशिकांत उपाध्याय, गणेश ठाकुर, मथुरा चौबे, रामनाथ ठाकुर, आनंद मोहन उपाध्याय, सुरेश सिंह, रविंद्र सिंह, पिंटू सहाय, दीपीका केशरी, रानी तिवारी, प्रीति सिंह, योगिता सिंह और संगीता कुमारी समेत अनेक अधिवक्ता मौजूद रहे। सभी ने स्वर्गीय रामजी सिंह के योगदान को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।