
ससीतामढ़ी, रून्नीसैदपुर।अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर मध्य विद्यालय गंगवारा, रून्नीसैदपुर में योग कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। विद्यालय प्रांगण में सुबह-सुबह बच्चे, शिक्षक और अभिभावक एकत्र हुए और सामूहिक रूप से योग अभ्यास कर स्वस्थ जीवन का संदेश दिया। कार्यक्रम में विद्यालय की प्रधानाध्यापिका रेनू कुमारी की नेतृत्व भूमिका रही, जिन्होंने पूरे आयोजन को सफल बनाया।
योग दिवस को लेकर दिखा उत्साह
विद्यालय परिसर में जैसे ही योग दिवस की शुरुआत हुई, छात्र-छात्राओं में विशेष उत्साह देखा गया। शिक्षकों ने बच्चों को योग के विभिन्न आसनों का अभ्यास कराया। ताड़ासन, त्रिकोणासन, वज्रासन, भुजंगासन, प्राणायाम जैसे योगाभ्यासों को बच्चों ने उत्साहपूर्वक सीखा और दोहराया। इस दौरान शिक्षिका रेणु, ललिता, रेखा, राखी, नीलम और शिक्षक लालाबाबू रजक ने सक्रिय भागीदारी निभाई। उन्होंने बच्चों को योग की विधियां और इसके लाभ विस्तार से समझाए।
अभिभावकों ने भी लिया भाग
कार्यक्रम की खास बात यह रही कि इसमें आसपास के कई अभिभावक भी अपने बच्चों के साथ शामिल हुए। उन्होंने बच्चों के साथ योग किया और इस आयोजन की सराहना की। कई अभिभावकों ने कहा कि बच्चों को इस तरह की गतिविधियों से जोड़ना एक सकारात्मक पहल है और इससे उनका मानसिक और शारीरिक विकास सुनिश्चित होता है।
स्वस्थ जीवनशैली की प्रेरणा देता है योग
प्रधानाध्यापिका रेनू कुमारी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि योग केवल शरीर की क्रियाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि यह मन और आत्मा को भी संतुलन प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि आज के समय में योग अपनाना न केवल आवश्यक है, बल्कि जीवनशैली का हिस्सा बनाना चाहिए। योग नियमित करने से तनाव, चिंता और अनेक बीमारियों से छुटकारा पाया जा सकता है।
नैतिक शिक्षा से भी जोड़ा गया कार्यक्रम
योग अभ्यास के उपरांत बच्चों को नैतिक शिक्षा भी दी गई। उन्हें बताया गया कि योग केवल एक दिन करने की प्रक्रिया नहीं है, बल्कि इसे प्रतिदिन अपने जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए। शिक्षकों ने बच्चों से अपील की कि वे अपने परिवार में भी योग का वातावरण बनाएं और अपने आस-पास के लोगों को इसके लिए प्रेरित करें।
प्रधानाध्यापिका ने सभी शिक्षकों और उपस्थित लोगों को धन्यवाद देते हुए कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम विद्यालय और समुदाय के बीच समन्वय को मजबूत करते हैं। योग दिवस के इस आयोजन ने सभी को एकता, स्वास्थ्य और अनुशासन का संदेश दिया।
