अंतरराष्ट्रीय परिवार दिवस पर जगतारिणी उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय खम्हार में बच्चों ने जाना परिवार का महत्व

जगतारिणी उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय खम्हार में शिक्षिका सुमन सौरभ ने करवाई विशेष गतिविधि
समस्तीपुर। जगतारिणी उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, खम्हार में अंतरराष्ट्रीय परिवार दिवस के अवसर पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का नेतृत्व विद्यालय की शिक्षिका सुमन सौरभ ने किया। कार्यक्रम में बच्चों को परिवार की भूमिका, महत्व और उसके सामाजिक व नैतिक मूल्यों के बारे में जागरूक किया गया।
संयुक्त राष्ट्र की पहल से शुरू हुआ यह दिवस
शिक्षिका सुमन सौरभ ने बच्चों को बताया कि अंतरराष्ट्रीय परिवार दिवस की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 1993 में की गई थी। इसके बाद 1994 को अंतरराष्ट्रीय परिवार वर्ष के रूप में घोषित किया गया था। यह दिन हर वर्ष 15 मई को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य दुनियाभर में परिवार की भूमिका और उसके मूल्यों को बढ़ावा देना है।
परिवार से मिलती है सामाजिक एवं नैतिक शिक्षा
बच्चों को संबोधित करते हुए सुमन सौरभ ने कहा कि परिवार ही हमारे जीवन की पहली पाठशाला है, जहां हम प्यार, विश्वास, सहयोग, अनुशासन और संस्कारों को सीखते हैं। एक मजबूत परिवार समाज की नींव होता है और बच्चों के सर्वांगीण विकास में अहम भूमिका निभाता है।
बच्चों ने प्रस्तुत किए विचार व चित्रांकन
कार्यक्रम के दौरान बच्चों ने परिवार पर आधारित चित्र बनाए और अपने विचारों को शब्दों में प्रस्तुत किया। बच्चों ने बताया कि कैसे उनके माता-पिता, भाई-बहन और दादा-दादी उनके जीवन में मार्गदर्शक और सहारा बनते हैं। इस गतिविधि के माध्यम से बच्चों में भावनात्मक जुड़ाव और पारिवारिक मूल्यों की समझ विकसित हुई।
शिक्षकों और अभिभावकों की सहभागिता रही सराहनीय
विद्यालय के अन्य शिक्षकों और कुछ अभिभावकों ने भी इस अवसर पर भाग लिया और बच्चों को प्रेरक बातें बताईं। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों से बच्चों में जिम्मेदारी, स्नेह और सम्मान की भावना विकसित होती है, जो एक बेहतर नागरिक बनने की दिशा में सहायक होती है।
समापन पर बच्चों को मिला प्रेरणादायक संदेश
कार्यक्रम के अंत में सुमन सौरभ ने बच्चों को यह संदेश दिया कि परिवार केवल खून के रिश्तों से नहीं बनता, बल्कि आपसी समझ, सहयोग और प्रेम से बनता है। उन्होंने बच्चों से आग्रह किया कि वे अपने परिवार के साथ अधिक समय बिताएं, उनका सम्मान करें और उनके मूल्यों को आत्मसात करें।
इस अवसर पर विद्यालय में सकारात्मक वातावरण देखने को मिला और बच्चों में इस दिवस को लेकर उत्साह भी देखने को मिला। कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ और सभी ने इसे यादगार बताया।


