
पूर्णियां. मध्य विद्यालय सुरीगांव में सुरक्षित शनिवार के तहत (मानव निर्मित आपदा) भगदड़ पर कई तरह की गतिविधियों का आयोजन किया गया. जिसमें प्रधानाध्यापक मो. जहांगीर आलम के साथ सभी शिक्षक/शिक्षिकाओं एवं विद्यालय के बच्चों ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
विद्यालय में हुए गतिविधियों का संचालन सहायक शिक्षिका नीतू रानी एवं मनु कुमारी ने किया. इस अवसर पर सर्वप्रथम बच्चों को ’भगदड़’ के बारे में बताया गया. भगदड़ एक मानव निर्मित आपदा है, जो भीड़ प्रबंधन में प्रशासनिक अव्यवस्था के कारण पैदा होती है.
इसमें संपत्ति से अधिक जान की क्षति होने की संभावना रहती है. इसमें भीड़ अचानक किसी अफवाह, आशंका या भय के कारण तेजी से एक तरफ भागने लगती है, जिसके कारण प्रायः बालक, वृद्ध, महिलाएं भागते लोगों के पैरों के नीचे आकर कुचले जाते हैं.
भगदड़ चुनाव, रैली या धार्मिक त्यौहारों जैसे मुहर्रम का जूलूस, दुर्गापूजा, दीपावली आदि मेले की भीड़-भाड़ में हो सकती है. इस अवसर पर बच्चों ने छठ पर्व, मुहर्रम पर होने वाले मानव निर्मित आपदा (भगदड़) पर नाटक एवं रोचक गतिविधि प्रस्तुत किया. बच्चों में रेणु कुमारी, सरस्वती कुमारी, रीति कुमारी, आयुषी कुमारी, समा प्रवीण एवं अन्य बच्चे थे.
बचाव
ज्यादा भीड़-भाड़ में बच्चों, बुजुर्गों को लेकर ना जायें. जिस ओर बिजली का तार, पोल या ट्रांसफार्मर हो उस ओर नहीं जाना चाहिए. बच्चों बुजुर्गों को अपने परिवार के सदस्य का नंबर साथ में होना चाहिए.
मोबाइल हमेशा पास रखें. दीपावली में बच्चें घर से बाहर उस स्थान पर पटाखे चलायें जहां घास- फूस का घर नहीं हों, अगल-बगल छोटे बच्चें ना हो, गर्भवती महिलाएं नहीं हों.
छठ घाट पर भी छोटे बच्चों बुजुर्गों, किशोरों ध्यान रखने की आवश्यकता है. अधिक पानी में जाने पर बच्चें पानी की लपेट में आ जाते हैं और प्राण गंवा देते हैं.