बक्सर, 27 जनवरी | राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के तहत केंद्र सरकार के निर्देश पर जिले में टीबी के मरीजों की पहचान के लिए सर्वे शुरू होने वाला है। इस क्रम में शुक्रवार को जिला यक्ष्मा केंद्र में प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। जिसमें एसटीएलएस व एसटीएस को सर्वे के विभिन्न मुद्दों और बिंदुओं पर जानकारी दी गई। प्रशिक्षण में सिविल सर्जन सह प्रभारी जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. जितेंद्र नाथ ने बताया कि सरकार की ओर से चयनित जिले के सभी प्रखंडों के एक-एक गांव में सर्वे किया जाना है। जिनका चयन किया जा चुका है।
उन गांवों में एक-एक घर में जाकर परिवार के सभी सदस्यों की जानकारी ऑनलाइन भरनी है। यदि सर्वे के दौरान टीबी के लक्षणों वाले मरीज मिलते हैं तो उनका बलगम कलेक्ट कर जांच की जाएगी। साथ ही, टीबी के इलाजरत मरीजों का कॉन्टैक्ट लिस्ट तैयार कर उनमें टीबी के लक्षणों की जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि सर्वे के दौरान एक भी घर न छुटे, इसका ध्यान रखा जाए। प्रशिक्षण में डब्ल्यूएचओ (विश्व स्वास्थ्य संगठन) के कंस्ल्टेंट डॉ. कुमार बिज्येंद्र सौरभ, डॉट प्लस सुपरवाइजर सह जिला समन्यवक उत्तम कुमार, डाटा मैनेजर विजय प्रताप यादव, एसटीएलएस गौरव कुमार समेत अन्य एसटीएलएस व एसटीएस मौजूद रहें।
कोविड से संक्रमित हो चुके लोगों में होगी टीबी की जांच
कंस्ल्टेंट डॉ. कुमार बिज्येंद्र सौरभ ने बताया, सरकार द्वारा चयनित गांवों में सिमरी प्रखंड का दुल्लीपुर, चक्की प्रखंड का चरखी मोड़, ब्रह्मपुर प्रखंड का ब्रह्मपुर, केसठ का देगौली, डुमरांव प्रखंड से टुड़ीगंज, सदर प्रखंड से बक्सर, चौसा प्रखंड का चौसा, राजपुर प्रखंड का सुजायतपुर, इटाढ़ी प्रखंड का खरहना व नावानगर प्रखंड का रुपसागर गांव शामिल हैं। जहां सर्वे किया जाएगा। इन गांवों में टीबी के लक्षणों वाले मरीजों के साथ साथ स्वास्थ्य लोगों का भी बलगम जांच की जाएगी।
सर्वप्रथम बीते तीन वर्षों में कोविड से संक्रमित हो चुके लोगों में टीबी की जांच करेंगे। उसके बाद टीबी के लक्षणों वाले लोगों की जांच होगी। यदि इनमें से किसी की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है, तो उसके संपर्क में रह चुके लोगों में टीबी की जांच की जाएगी। यह एक तरह से कोरोना जांच की तरह ही संचालित किया जाएगा। अभियान में चिह्नित गांव के एक-एक घर के सदस्यों की जांच की जानी है।
लोगों को दी जाएगी एनटीईपी की जानकारी
प्रशिक्षण के दौरान कंस्ल्टेंट डॉ. कुमार बिज्येंद्र सौरभ ने बताया कि सरकार ने वर्ष 2025 तक जिले में टीबी मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित है। इसको लेकर जिला टीबी विभाग द्वारा जरूरी प्रयास किये जा रहे हैं। सर्वे के दौरान चिह्नित मरीजों की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई, तो उनका निक्षय पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करते हुए इलाज शुरू किया जाएगा। साथ ही, उनके परिवार के सभी सदस्यों में भी टीबी की जांच की जाएगी।
ताकि, टीबी के संक्रमण प्रसार को चिह्नित किया जा सके। उन्होंने कहा कि सर्वे के दौरान गांव के लोगों को सरकार द्वारा राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम की जानकारी दी जानी है। ताकि, लोगों में जागरूकता आ सके। उन्हें बताया जाएगा कि जिले में टीबी मरीजों की पहचान से लेकर नि:शुल्क दवा वितरण एवं निक्षय योजना के तहत मरीजों को मिलने वाले लाभ को सुनिश्चित किया जा रहा है। ताकि, टीबी को जल्द से जल्द मिटाया जा सके।