कहीं शिक्षक व बच्चों के समन्वय से एमडीएम भोजन व फल वितरण, तो कई विद्यालयों के प्रधानाध्यापक एमडीएम भोजन लेने से किया इंकार
डुमरांव. सरकारी विद्यालयों में कार्यरत रसोइयां गुरूवार से अनिश्चित कालीन हड़ताल चली गई. पहले दिन प्रखंड संसाधन केंद्रा का घेराव करते हुए बिहार सरकार के विरूद्ध जमकर प्रदर्शन किया. शुक्रवार को दूसरे दिन रसोइयां प्रखंड संसाधन केंद्र के बाहर हड़ताल के दौरान रहीं. फ्रंट की प्रखंड अध्यक्ष आरती कुमारी ने बताया कि विद्यालय में केवल 1650 रूपया मिलता है, इस दौर में इसका महत्व क्या है.
उपस्थिति सभी रसोइयां ने नारें लगाते हुए कहां कि जब दस हजार सहित 11 सूत्री मांग पूरा नहीं होगा, यह अनिश्चित कालीन हड़ताल जारी रहेगा. मांगों में मुख्य रूप से प्रधानमंत्री पोषण योजना को ठेकेदारी करण से रोकने के साथ विद्यालय परिसर में बना गरमा गरम, ताजा एवं पौष्टिक भोजन बच्चों को परोसा जाए. वहीं रसोईया का न्यूनतम मजदूरी कम से कम दस हजार किया जाए.
रसोईया को मातृत्व अवकाश व विशेष अवकाश लागू कर इसका लाभ दिया जाए. प्रत्येक 30 बच्चों के नामांकन पर एक रसोईया बहाल करने के साथ रसोईया का चयन डीएम या डीईओ के अधीनस्थ कराया जाए. शुक्रवार को स्कूल में मध्याहन भोजन व फल पहुंचने वितरण को लेकर विद्यालय प्रबंधन के पसीने छूटे.
कई विद्यालय के प्रधानाध्यापकों ने कहां कि रसोईयां के नहीं रहने बच्चों को भोजन कराने से लेकर बर्तन धोने तक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. विद्यालय के कई प्रधानाध्यापकों ने एमडीएम भोजन देने वाले को हड़ताल खत्म होने के बाद भोजन पहुंचाने के लिए बोल दिए. दूसरे दिन अनिश्चित कालीन हड़ताल में शशिकांत सिंह के अलावे संजू, विमला, सुशीला, फुल कुमारी, गीता, सुनीता, मामूनी, बीना, सुधरी, मीरा, दुर्गावती, शिव कुमारी सहित अन्य शामिल रहीं.