बक्सर, 30 जनवरी | 30 जनवरी को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि मनाई गई। इस अवसर पर जिले के सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में राष्ट्रीय कुष्ठ दिवस का आयोजन किया गया। मुख्य कार्यक्रम का आयोजन सदर अस्पताल परिसर में किया गया। जहां प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. भूपेंद्र नाथ की अध्यक्षता में सभी स्वास्थ्य अधिकारियों और कर्मचारियों ने जिले से कुष्ठ के पूरी तरह उन्मूलन की शपथ ली। इस दौरान प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. नाथ ने कहा कि गांधी जी कुष्ठ रोगियों के प्रति दया और स्नेह का भाव रखते थे ।
यही वजह थी उन्होंने कुष्ठ रोगियों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए सफल प्रयास किया था। उनके इसी प्रयास को ध्यान में रखते हुए भारत में 30 जनवरी को कुष्ठ रोग दिवस मनाया जाता है। उन्होंने बताया कि समय से इलाज न मिलने पर कुष्ठ रोग गंभीर रूप ले सकता है। इसलिए लोगों को सामुदायिक स्तर पर जागरूक कर उन्हें कुष्ठ के प्रति जागरूक करना ही हमारा लक्ष्य रहता है। इस दौरान महात्मा गांधी का संदेश एवं संकल्प पढ़ा गया। सिविल सर्जन कार्यालय में ओम दत्त पांडेय, गुंजन कुमार, ज्योति कुमार, मनोज कुमार सहित सैकड़ों लोगों ने शपथ ली।
निकाली गई जागरूकता रैली
वहीं, राष्ट्रीय कुष्ठ दिवस को लेकर अर्बन पीएचसी पुराना अस्पताल से पूरे शहर में जागरूकता रैली निकाली गई। प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. भूपेंद्र नाथ ने संदेश एवं संकल्प के साथ हरी झंडी दिखाकर रैली को रवाना किया। जिसके माध्यम से ‘हमने यह ठाना है कुष्ठ रोग मिटाना है, एमडीटी खाओ कुष्ठ रोग भगाओ’ आदि नारों के साथ पूरे शहर में स्वास्थ्य अधिकारियों और कर्मियों ने लोगों को जागरूक किया।
इस रैली में डॉ. सौरभ राय, पीएमडब्ल्यू नागेश दत्त पांडेय, सैयद साहिल, शिवांशु कुमार, रूद्र प्रताप, आनंद मोहन सहाय, दीपक कुमार सुरेंद्र कुमार रामजी राम सहित सैकड़ों छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया। साथ ही, जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स पर भी संदेश एवं संकल्प लिया गया।
ग्रामीण क्षेत्र में कुष्ठ रोग फैलने का खतरा रहता
जिला कुष्ठ निवारण पदाधिकारी डॉ. शालिग्राम पांडेय ने बताया, शहरी क्षेत्र के मुकाबले में ग्रामीण क्षेत्र में कुष्ठ रोग फैलने का खतरा रहता है। अगर समय रहते इसका उपचार न किया जाए तो एक से दूसरे में ये फैल सकता है। अगर कुष्ठ रोग के प्रति लोग जागरूक हों और समय रहते पूरा उपचार लें तो इसे जड़ से खत्म किया जा सकता है। समय रहते उपचार लेते हैं तो उपचार भी लंबा नहीं चलेगा और गंभीर रोग होने से बचा जा सकता है।
कुष्ठ रोग से छुटकारे के लिए डॉक्टर की सलाह पर 6 से 12 माह तक उपचार लेना जरूरी है। कुष्ठ रोग जीवाणुओं से होता है, जो त्वचा, अंगों के अंदरूनी भाग और नसों को प्रभावित करता है। यहां तक कि नसों को कमजोर बना देता है। ये किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है। यदि हाथ व पैरों में सुन्नपन है तो अधिक ठंडे व गर्म से बचना चाहिए। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से मरीजों का नि:शुल्क उपचार किया जाता है।
कुष्ठ रोग के लक्षण
- चमड़ी पर एक या अनेक दाग धब्बे, जिनमें सुन्नपन हो।
- लाल-पीले तंबाई सुन्न धब्बे।
- हाथ-पैरों में सुन्नपन व सूखापन
- दाग-धब्बों पर पसीना नहीं आना
- धब्बों पर बालों का उड़ जाना।