- फाइलेरिया के राज्य सलाहकार ने भोजपुर के गांवों में संचालित एमडीए का लिया जायजा
- लाभुकों से दवाओं के सेवन के संबंध में की पूछताछ
- स्टेट टीम ने दवाओं के सेवन के साथ मच्छरों से बचाव की दी जानकारी
आरा, 28 सितंबर। भोजपुर जिले को फाइलेरिया से मुक्त करने के उद्देश्य से जिले के सभी प्रखंडों में मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) अभियान का संचालन किया जा रहा है। जिसके तहत आशा कार्यकर्ताओं द्वारा घर-घर जाकर दो वर्ष से अधिक उम्र के लाभुकों को फाइलेरियारोधी दवाओं का सेवन कराया जा रहा है।
इस क्रम में अभियान के सफल संचालन की जांच के लिए गुरुवार को राज्यस्तरीय टीम ने जिले के विभिन्न इलाकों में जाकर एमडीए का जायजा लिया। जिसमें राज्य स्वास्थ्य समिति के अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी कार्यालय से आए राज्य सलाहकार डॉ. अनुज सिंह रावत, पिरामल इंडिया के स्टेट हेड डॉ. विकास सिन्हा और पिरामल इंडिया के भोजपुर डीपीओ चंदन कुमार प्रसाद शामिल रहे।
टीम ने जिले के चिलहरी और ताराचक गांव का दौरा किया। जहां उन्होंने अभियान के दौरान दवाओं का सेवन कर चुके लाभुकों से एमडीए की जानकारी ली। जिसमें सभी कुछ नियमानुसार पाया गया। साथ ही, उन्होंने आशा कार्यकर्ताओं को ससमय रिपोर्टिंग करने का भी निर्देश दिया। ताकि, एमडीए का अनुश्रवण सही से किया जा सके।
उल्लेखनीय है कि 27 सितंबर तक केंद्रीय स्तरीय टीम ने जिले के विभिन्न गांवों में एमडीए का जायजा लिया। जिसके बाद 28 सितंबर से राज्य स्तरीय टीम ने एमडीएम के सफल संचालन को लेकर दौरा शुरू किया है। बताते चलें कि केंद्र और राज्य सरकार के संयुक्त अभियान से फाइलेरिया मुक्ति अभियान का संचालन किया जा रहा है। जिसके तहत लगातार अनुश्रवण व निगरानी की जा रही है।
एमडीए के सफल संचालन के लिए सबका सहयोग जरूरी
निरीक्षण के दौरान फाइलेरिया के राज्य सलाहकार डॉ. अनुज ने आशा कार्यकर्ताओं से कहा कि बिहार सहित पूरे देश से 2027 तक फाइलेरिया उन्मूलन का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए इसे सफल बनाने में सबका सहयोग अपेक्षित है।
स्वास्थ्य समिति के साथ-साथ इस अभियान को सफल बनाने में सहयोगी संस्थानों का भरपुर सहयोग मिल रहा है। जिसके कारण पूर्व की अपेक्षा में लाभुकों में जागरूकता आई है। लोग स्वेच्छा से दवाओं का सेवन कर रहे हैं। जो अच्छे संकेत है।
उन्होंने आशा फैसिलिटेटर्स और आशा कार्यकर्ताओं को बताया कि अभियान के दौरान अपने समक्ष ही लाभुकों को दवाओं का सेवन कराएं। यदि किसी घर में पांच लाभुक सदस्य हैं और विजिट के दौरान केवल दो सदस्य ही मौजूद हैं तो आप सिर्फ दो लोगों को ही अपने समक्ष दवाओं का सेवन कराएं।
बाकी तीन सदस्यों को दोबारा विजिट कर दवाओं का सेवन कराएं। किसी भी हाल में यह सुनिश्चित करें कि प्रत्येक लाभुक आपके सामने ही दवाओं का सेवन करें। उन्हें दवाएं देनी नहीं, खिलानी है।
मच्छरों से बचने का करें उपाय
इस क्रम में डॉ. अनुज ने ग्रामीण लाभुकों से भी वार्ता की। जिसमें उन्होंने बताया कि फाइलेरिया से बचने के लिए दवाओं का सेवन बेहद जरूरी है। लेकिन, आप सभी इस बात का भी ध्यान रखें कि आपके घरों के आसपास गंदगी न हो।
घर के आसपास यदि जलजमाव हो रहा है तो उसे मिट्टी डालकर भर दें। ताकि, मच्छरों के पनपने का मौका न मिले। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया की तरह अन्य बीमारियां जैसे डेंगू, मलेरिया आदि भी मच्छरों के काटने से ही होता है। इसलिए मच्छरों से बचाव जरूरी है।
उन्होंने सभी को सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करने की नसीहत दी। साथ ही, बड़े-बुजुर्गों से एमडीए अभियान को सफल बनाने में सहयोग देने की अपील की।