सनातन संस्कृति का जो विरोध करता है, जनता उसे घटाती जाती है : रविशंकर प्रसाद

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बक्सर : पूर्व केंद्रीय मंत्री पटना साहिब से सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सनातन संस्कृति का जो विरोध करता है, जनता उसे घटाती जाती है। बिना सनातन की भारत की कल्पना नहीं की जा सकती है। देश को प्रभु श्रीराम के आशीर्वाद से उर्जा मिलती है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री रविशंकर शनिवार को अहिरौली बक्सर में केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के संयोजन में चल रहे सनातन संस्कृति समागम में साधु संतों के आशीर्वाद के लिए पहुंचे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी सनातन संस्कृति के संरक्षण , दिव्यता के लिए कार्य कर रहे हैं। अयोध्या, केदारनाथ, उज्जैन की जो भव्यता है, वह वापस आई है। पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद संविधान की 1950 की मूलप्रति लेकर आए। उन्होंने संविधान में भगवान श्रीराम, श्रीकृष्ण, हनुमान के चित्र को दिखाए।

उन्होंने कहा कि संविधान में भी रामराज की व्यवस्था है। श्रीकृष्ण अर्जुन को गीता में कर्तव्य का बोध कराते हैं। उन्होंने जनता के सामने सवाल छोड़ा कि अगर आज यह संविधान बनता तो क्या भगवान का चित्र होता। कई तरह की बातें होती। जो सनातन संस्कृति कम आंकता जनता उन्हें छोटी करने लगती है। केंद्रीय मंत्री श्री रविशंकर ने कहा कि भगवान की कृपा से रामलला का केस हाईकोर्ट लखनऊ में लड़ा था। भगवान को जो कार्य करवाना होता है, वे करवा लेते हैं। केंद्रीय मंत्री मित्र अश्विनी चौबे ने बक्सर में भगवान श्रीराम की कर्मभूमि पर सनातन संस्कृति समागम के आयोजन के लिए बधाई दी। पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद ने जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी व जीयर स्वामी जी से आशीर्वाद लिया।

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