शिक्षा सप्ताह के आखिरी दिन राजकीय मध्य विद्यालय, घेउरा में हुआ पौधरोपण, बच्चों को दिलाया गया शपथ
औरंगाबाद जिले के कुटुंबा प्रखंड अंतर्गत राजकीय मध्य विद्यालय घेउरा में “शिक्षा सप्ताह “के अंतर्गत आज 3 अगस्त को सातवां एवं आखिरी दिन है। थीम के मुताबिक पर्यावरण से वृक्षारोपण से संबंधित रहा। फोकल शिक्षिका रमीना कुमारी के नेतृत्व में सुरक्षित शनिवार मनाते हुए वृक्षारोपण अभियान का आयोजन किया गया, ताकि छात्रों और उनकी माताओं तथा धरती माता के बीच संबंध मजबूत हो सकें।
दिवसवार कार्यक्रम मनाया गया। प्रत्येक दिन का थीम अलग-अलग रहा। बच्चों ने प्रत्येक थीम को समझा और बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया, जो काफी सराहनीय रहा। विद्यालय परिसर में विभिन्न तरह फलदार व छायादार पौधा लगाया गया। विद्यालय के इको क्लब के बच्चों ने अपने जन्मदिन पर प्रत्येक वर्ष एक पौधा लगाने एवं पर्यावरण की सुरक्षा करने की शपथ ली।
फोकल शिक्षिका रमीना कुमारी ने बच्चों से पौधे लगाने के फायदे से संबंधित कई प्रश्न पूछे। उन्होंने बच्चों को पौधे के संबंध में जानकारी भी दी। अंत में सभी बच्चों ने शपथ लिया की खुद भी शुद्ध जल का उपयोग करेंगे और साथ ही साथ घर वालों व अगल-बगल वाले को भी शुद्ध जल पीने के लिए प्रेरित करेंगे।
मौके पर एचएम लाल मोहन प्रसाद, लवली, प्रेम शिला, खुशबू, आरती प्रजापति, नमिता, संतोष, अश्विनी, धर्मेंद्र, कमलेश, सुनील, रूही प्रवीण, कुमकुम के अलावे छात्र-छात्राओं में सूरज, गौरव, सत्यम, अमरजीत, अंकित, संटू, स्पर्श, सुचित्रा, नेहा, मुन्नी, उषा, प्रिया, सरिता, अंशु, गीतांजलि, रौशनी सहित इको क्लब, बाल संसद, मीना मंच के सदस्य अन्य मौजूद रहें।
वहीं मुख्यमंत्री विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम के तहत शनिवार को प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न विद्यालयों में सुरक्षित शनिवार मनाने हुए बच्चों को पेयजल की अशुद्धता से होने वाले खतरे एवं इसके उपाय की जानकारी दी गई।
शनिवार को विद्यालय चेतना सत्र के दौरान विद्यालय में फोकल शिक्षिका रमीना कुमारी ने बच्चों के बीच पेयजल की अशुद्धता से होने वाले खतरे एवं इसके उपाय पर चर्चा करते हुए बताया कि अशुद्ध पानी पीने से तरह तरह की बीमारियों उत्पन्न हो जाती है।
पेट में जलन, पेट दर्द, जॉन्डिस, हैजा, कोलरा, डिहाइड्रेशन जैसे बीमारी का शिकार हो जाते है। उन्होंने बच्चों को सुरक्षा के उपचार के तौर पर बताया की सभी को शुद्ध जल पीना चाहिए, जल में ब्लीचिंग पाउडर, फिटकिरी, नींबू नमक पानी का प्रयोग करना चाहिए।