रोजी-रोटी व अधिकार के लिए संघर्ष तेज करने के संकल्प के साथ खेग्रामस का दूसरा बक्सर जिला सम्मेलन संम्पन्न

पूर्व सांसद रामेश्वर प्रसाद ने किया उद्घाटन व मुख्य अतिथि रहें विधायक अजीत कुमार सिंह, माले जिला सचिव नवीन ने सम्मेलन को संबोधित किया
बिहार में वास आवास का कानून बनाकर दलित, गरीबों, भूमिहिन मजदूरों को पांच डिसमिल जमीन दें सरकार: रामेश्वर प्रसाद
डुमरांव. अखिल भारतीय खेत व ग्रामीण मजदूर सभा (खेग्रामस) का दूसरा बक्सर जिला सम्मेलन शहीद का. जीवन-विकास-नरसिंह की शहादत स्थली मठिला में सम्पन्न हुआ. सम्मेलन का उद्घाटन भाकपा (माले) के आरा से सांसद व खेग्रामस के राष्ट्रीय संरक्षक का. रामेश्वर प्रसाद ने किया. सम्मेलन में डुमरांव विधायक का. अजीत कुमार सिंह मुख्य अतिथि के बतौर शामिल हुए.
झंडोत्तोलन वरिष्ठ का. मानरूप पासवान ने किया. शहीद वेदी पर सभी साथी ने पुष्पांजलि अर्पित किया. अध्यक्ष मंडल में का. नारायण दास, कन्हैया पासवान, सत्यनारायण, वकील राय, महफूज शामिल रहें. इसके अलावा पार्टी के प्रखंड सचिव सुकर राम, हरेंद्र राम, ललन प्रसाद, वीरेंद्र सिंह, जगनारायण शर्मा, वीरेंद्र यादव, विसर्जन, नीरज यादव, किसान महासभा नेता अलख चौधरी और रामदेव सिंह भी मंच पर उपस्थित रहें.
जिला सम्मेलन के उद्घाटनकर्ता का. रामेश्वर प्रसाद ने कहां कि मोदी सरकार में गरीबों, खेतिहर व ग्रामीण मजदूरों पर चौतरफा हमलें बढ़े हैं. एक तरफ महंगाई की मार है तो दूसरी तरफ बिहार के मजदूरों के काम के गारंटी कानून ’मनरेगा’ में लगातार कटौती कर इसे खत्म करने की साजिश रच रही है.
एक तरफ सफाई कार्य में लगे मजदूरों के पैर धोकर उन्हें सम्मान देने की बात करती है तो दूसरी तरफ उन्ही मजदूरों की मजदूरी में बढ़ोतरी करने, उनके बच्चों को अच्छी शिक्षा देने, इलाज की व्यवस्था करने के सवाल पर मुह फेर लेती है.
विदेशों में जाकर भारत के मजदूरों का अपमान करते हुए कहते हैं कि भारत में हम सबसे सस्ता मजदूर उपलब्ध कराएंगे. देश में जिस तरह से दलित गरीबों पर भाजपा सरकार बुलडोजर चलाकर उनके अधिकारों को खत्म कर रहीं हैं. यह काफी उनके दलित गरीबों से नफरत करने का मंशा साफ-साफ दिखता है.
सम्मेलन को संबोधित करते हुए डुमरांव विधायक डा. अजीत कुमार सिंह ने कहां कि जिस तरह से यूपी में योगी सरकार बुलडोजर चलाकर लोगों को भय पैदा कर रही है. उसी तरह बिहार में भी भाजपाई मानसिकता वाले प्रशासन बुलडोजर चलाकर यहां भी दलित गरीबों को डराना चाहती है.
लेकिन बिहार में उनका मंसूबा भाकपा माले और खेग्रामस कभी कामयाब नही होने देगी. बिहार में नीतीश कुमार की सरकार को वास आवास कानून बनाकर उसे लागू करते हुए सभी भूमिहीनों को दस डिसमिल जमीन देनी चाहिए. बिहार का विकास तब तक संभव नहीं, जब तक ग्रामीण मजदूरों-किसानों की स्थिति में सुधार नहीं होता.
सम्मेलन में खेत-ग्रामीण मजदूरों के लिए केंद्रीय कानून बनाने, भूमि सुधार आयोग की रिपोर्ट लागू करने, बिना वैकल्पिक व्यवस्था किए गरीबों को उजाड़ने पर रोक लगाने, मनरेगा में 200 दिन काम व न्यूनतम 600 रुपया मजदूरी करने, दलित-गरीबों-महिलाओं-अल्पसंख्यकों पर बढ़ते हमले पर रोक लगाने,
भोजन अधिकार कानून को सख्ती से लागू करने, प्रवासी मजदूरों का रजिस्ट्रेशन कराने, स्वास्थ्य केंद्रों को सही ढंग से चालू करने, समान स्कूल प्रणाली को लागू करने, गरीबों की योजनाओं में मची लूट पर रोक लगाने, सांप्रदायिक उन्माद पर रोक लगाने के लिए आने वाले दिनों में आंदोलन तेज करने का निर्णय लिया गया.
सम्मेलन ने 39 सदस्यीय कमेटी का चुनाव किया और जिला अध्यक्ष का. कन्हैया पासवान और जिला सचिव का. नारायण दास को चुना.


