डुमरांव. बिहार में बाल साहित्य का गौरवमयी इतिहास रहा है. बाल साहित्य के संवर्धन और विकास में हिंदी बाल साहित्य शोध संस्थान बनौली दरभंगा का सराहनीय योगदान रहा है. इसके संस्थापक व निदेशक चर्चित बाल साहित्यकार डॉ सतीश चंद्र भगत जी के अगुवाई में संस्थान के षष्ठम स्थापना दिवस समारोह 9 फरवरी 2023 को पटना के स्थित कालिदास रंगालय में बहुत धूमधाम और हर्षोल्लास से आयोजित हुआ.
इस कार्यक्रम में देश के कई बाल साहित्यकारों को बाल साहित्य सृजन और संवर्धन के लिए सम्मानित किया गया. इसी के तहत बक्सर डुमरांव की चर्चित साहित्यकार मीरा सिंह “मीरा” को बाल साहित्य सृजन में विशिष्ट योगदान के लिए “रामवृक्ष बेनीपुरी शिखर बाल साहित्य 2023 सम्मान” से अलंकृत किया गया. विदित हो कि मीरा सिंह “मीरा” व्यस्क और बाल साहित्य दोनों पर सतत् कार्य कर रही हैं.
सम्मानित होने वाले बाल साहित्यकारों में मुजफ्फरपुर के अनुभव राज, हरियाणा के राजपाल सिंह गुलिया, पटना की रेखा मिश्र भारती, कटनी के राजा चौरसिया, सुपौल की अलका वर्मा, मध्य प्रदेश की सावित्री जगदीश इत्यादि रहे. इस समारोह में बाल पुस्तकों का लोकार्पण, विचार गोष्ठी और कवि सम्मेलन का भी आयोजन हुआ.
मुख्य अतिथि भगवती प्रसाद द्विवेदी ने बाल साहित्य को संस्कार का पाठशाला बताते हुए इसके विविध पहलुओं पर रौशनी डाले. संयोजक डॉ सतीश चंद्र भगत आने अपनी बात रखते हुए कहा कि बाल साहित्यकार सिर्फ रचना ही नहीं करते, बच्चों का मानसिक विकास भी करते हैं.