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महारानी उषारानी बालिका मध्य विद्यालय में समारोह पूर्वक रोचक और ज्ञानवर्धक ढंग से मनाया गया शिक्षक दिवस

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डुमरांव. शिक्षक दिवस पर सभी स्कूलों में शिक्षक दिवस को काफी समारोह पूर्वक मनाया गया। इसमें से राजगढ़ अवस्थित महारानी उषारानी बालिका मध्य विद्यालय की बच्चियों ने योग्य और अनुभव शिक्षकों के निर्देशन में इस समारोह को काफी यादगार रोचक और ज्ञानवर्धक बना दिया। शिक्षक दिवस को सभी शिक्षकों ने अपनी तत्परता के साथ-साथ अनोखे ढंग से और ज्ञानवर्धक बनाने में अपनी कोई कसर नहीं छोड़ी।

विद्यालय में पद स्थापित वरिष्ठ शिक्षिका श्रीमती गीता कुमारी देवी के सफल मार्गदर्शन, सभी शिक्षकों के सहयोग और उनके अनुसार छात्रों के क्रियान्वयन के फलस्वरुप यह समारोह काफी अद्भुत बन गया। इसके एक दिन पूर्व सभी शिक्षकों ने अपने पूर्व के बिताए गए अनुभवों और उनके अपने विद्यार्थी काल में मनाए गए शिक्षक दिवस के तरीको के बारे में अपनी अपनी बातें कही।

गीता कुमारी देवी ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए यह बताया कि पहले शिक्षक दिवस के अवसर पर उन्हें एक टिकट खरीदना होता था जिसकी राशि को शिक्षा विभाग को जमा की जाती थी। वही राशि जरूरतमंद शिक्षकों को सहयोग के तौर पर प्रदान की जाती थी ताकि वे इसका सदुपयोग कर अपने जीवन को आसान कर सकें। विद्यालय की एक अन्य शिक्षिका शीला कुमारी ने बताया कि इस दिवस पर विद्यार्थियों को शिक्षक और शिक्षिकाओं के मार्गदर्शन में पढ़ाने की जिम्मेवारी दी जाती थी। जिसे वह काफी तन्मयता से पूरा करते थे।

उन्होंने अपनी पुरानी यादों को ताजा करते हुए इसकी अनेक बातों को बताया कि किस तरीके से उन्होंने अपने सहपाठियो को पढ़ाकर अपने आप को काफी गौरवान्वित महसूस किया था । इसी क्रम में विद्यालय की आरती कुमारी ने बताया कि उनके विद्यार्थी काल में फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता का आयोजन किया किया जाता था जिसमें सभी विद्यार्थी सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जीवन को आधार मानते हुए, उनके जीवन से प्रेरणा लेते हुए सादे वेशभूषा में उनकी तरह टोपी पहनते थे और रोल प्ले करते थे।

जिससे उनके जीवन के कार्यो को आकर्षक ढंग से समझने में काफी आसानी होती थी। इन्हीं सभी अनुभवों से प्रेरणा लेते हुए पूरे विद्यालय परिवार ने यह निर्णय लिया कि हम लोग इस वर्ष शिक्षक दिवस को पारंपरिक तरीके से मनाएंगे और ज्यादा से ज्यादा कोशिश करेंगे कि उनके जीवन को समझा जाए उनके शिक्षाओं को अपने जीवन में ग्रहण किया जाए। उनके कदमों पर चलते हुए अपने जीवन को सार्थक बनाया जाए।

इस तैयारी में विद्यालय की सभी शिक्षकों ने सहयोग किया जिसमें सविता सिंह ,चंचल कुमारी, दिव्यांशु कुमार, उपेंद्र कुमार दुबे और आज के प्रभारी प्रधानाध्यापक मोहम्मद मुस्लिम अंसारी के साथ-साथ मोहम्मद सज्जाद अंसारी, शीला कुमारी, कांति कुमारी, अनीता चौबे ,रेखा कुमारी आकांक्षा कुमारी ने अपने भरपूर सहयोग द्वारा इस कार्यक्रम को सफल बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ा। सब ने अपने-अपने अनुभवों और सृजनशीलता के द्वारा इसको यादगार बनाने की कोशिश की।

कार्यक्रम की शुरुआत वरीय शिक्षिका श्रीमती गीता कुमारी देवी ने फीता काटकर किया। विदित हो कि इसी साल 31 दिसंबर को वो सेवानिवृत हो रही हैं तो उनकी इस अंतिम शिक्षक दिवस को यादगार बनाने की पूरे विद्यालय परिवार ने भरपूर कोशिश की थी। इस मनाने के पीछे विशेष बात यही थी कि लगभग सारी बच्चियों ने श्री राधा कृष्ण के पथ कदमों पर चलते हुए उनके जैसे टोपी पहनकर उनका सम्मान प्रदान किया।

सब ने यह निर्णय लिया कि उनके सादा जीवन उच्च विचार के कदमों पर चलते हुए अपने जीवन में सर्वोच्च शिखर को प्राप्त करेंगे और पूरे विद्यालय सहित पूरे समाज को गौरवान्वित करेंगे। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण बछिया द्वारा राधा कृष्ण के टोपी को पहनना था इस कार्यक्रम में इसके अलावा भाषण प्रतियोगिता प्रिंटिंग प्रतियोगिता और रोल प्ले प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया जिसको सभी वर्ग की बच्चियों ने अपने की जान लगाकर जीवंत बना दिया। दिवस के इस अवसर पर सभी बच्चियों ने अपने क्लास को काफी आकर्षक ढंग से सजाया और अपने पूरे मनोयोग के साथ अपने सारे शिक्षकों का सम्मान किया।

इस अवसर पर उन्होंने अपने सनातन परंपरा का पालन करते हुए शिक्षकों को फूल अर्पित किया, उनकी आरती उतारी और मिष्ठान का भोग कराया।ऐसा अद्भुत मिसाल वास्तव में दर्शनीय था। सभी शिक्षक और शिक्षिकाएँ विद्यार्थियों के इस भावनात्मक समर्पण और उनके इस कार्यों से काफी आह्लादित हुए।

सभी शिक्षकों औऱ शिक्षिकाओं ने अपने पूरे मनोयोग के साथ केंद्र सरकार और राज्य सरकार के निर्देशानुसार सभी बच्चियों को प्रोजेक्ट आधारित विज्ञान की शिक्षा देने के अलावा सभी विषयों को रोचक और ज्ञानवर्धक तरीके से पढ़ाने का प्रण लिया। विद्यालय की नवपदस्थापित विज्ञान शिक्षिका आकांक्षा कुमारी ने उनके DIET में हाल में ही हुए प्रोजेक्ट आधारित शिक्षा के महत्व को बताते हुए इसको अविलंब लागू करने का आश्वासन दिया।

विद्यालय के अन्य शिक्षकों में दिव्यांशु कुमार, पूनम कुमारी, शिल्पी कुमारी ने भी छात्रों के इस अप्रतिम प्रेम और स्नेह को देखते हुए अपनी जिम्मेवारियों को पूरे मनोयोग के साथ पूरा करने का आश्वासन दिया। उन्होंने प्रण लिया कि हम अपने अथक प्रयास और मेहनत के बल पर इस विद्यालय की बच्चियों को पूरे डुमराँव नगर में नंबर वन की श्रेणी में लाने का भरसक प्रयास करेंगे।

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