पूर्णिया। मध्य विद्यालय सुरीगांव बायसी पूर्णियां में ‘नशा मुक्त हो बिहार’ विषय पर एक नाटक का आयोजन किया गया। नाटक के मुख्य किरदार में शराबी पति शिक्षिका नीतू रानी, शराबी की पत्नी में मनु कुमारी, पुलिस रितेश कुमार आर्या के साथ मार्गदर्शक शिक्षिका के रूप में कक्षा सात की छात्रा रूचि कुमारी थी।
शराब पीने से मानव शरीर का तंत्रिका तंत्र खराब हो जाता है। व्यक्ति नशा का आदी हो जाता है तथा इसमें धन की बर्बादी बहुत होती है। व्यक्ति को सुध बुध नहीं रहता कि उसका बच्चा, भूखा है, खाना खाया कि नहीं। पत्नी भी बेबस और लाचार होती है। पति सारा पैसा उड़ाता है, पत्नी को पीटता है।
बच्चों के भविष्य की परवाह नहीं करता। कभी रोड पर कभी किसी गली में होश गंवाकर सोया रहता है। पत्नी अपने भाग्य पर रोती है। इस नाटक में जब पुलिस पकड़ कर शराबी को ले जाता है तब पत्नी उसका बचाव करती है। पुलिस से अनुनय विनय करती है कि उसके पति को छोड़ दें जो एक भारतीय पत्नी होने का परिचायक है।
अंत में शिक्षिका समझाती है कि नशा शरीर को खा जाता है।तन मन, धन की बर्बादी होती हीं है साथ हीं बच्चों पर बुरा असर पड़ता है।समय से पूर्व हम मृत्यु को प्राप्त होते हैं।आपको अपने परिवार के बारे में सोचना होगा।
शिक्षिका नेतृत्व पत्नी से कहा कि इन्हें नशामुक्ति केंद्र में भर्ती कर इनके नशा करने पर नियंत्रण किया जा सकता है और नशा कि आदत छुड़ाई जा सकती है।शराब एक मौका मांगता है और पत्नी और शराबी के निवेदन पर पुलिस उसे छोड़ देती है।वह प्रण करता है कि अब जीवन में कभी शराब को नहीं पियेगा। नशामुक्त बिहार, स्वस्थ बिहार।