पटना. गया जिले के पंचानपुर कुरमावां गांव निवासी डॉ सुदय प्रसाद को जूलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया द्वारा 8 से 10 दिसंबर तक चलने वाले तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक सम्मेलन जो कि डॉ भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय महू इंदौर मध्य प्रदेश में आयोजित किया गया। उसमें देश-विदेश के 400 से भी अधिक वैज्ञानिक भाग लिया। जिसमें डा सुदय प्रसाद को मध्य प्रदेश के शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव, डॉ भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो डीके शर्मा एवं विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति अखिलेश पांडे द्वारा उत्कृष्ट वरिष्ठ वैज्ञानिक पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
उन्हें यह सम्मान बिहार में पाए जाने वाले विभिन्न प्रजाति के झींगों के खोज एवं उनकी हेयरी बीज उत्पादन पर उनके द्वारा उल्लेख किए शोध कार्यो के लिए दिया गया है। वर्तमान में डॉ सुदय प्रसाद बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर भागलपुर के पुर्णिया स्थित भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय में बतौर जीव जंतु वैज्ञानिक के पद पर कार्यरत हैं। ख्याति प्राप्त राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय पत्रिका में 110 से अधिक शोध पत्र एवं वैज्ञानिक आलेख प्रकाशित किया है। फिलहाल वे दो परियोजनाओं में मुख्य अन्वेषक के रूप में योगदान दे रहे हैं। हाल ही में उन्हें बिहार सरकार के अभिरुचि पर मानव एवं किसान हित में नीलगाय को पालतू जानवर बनाने पर वीर कुंवर सिंह कृषि महाविद्यालय द्वारा डुमरांव, बक्सर में उनके द्वारा एक शोध परियोजना शुरू की गई है।
डॉ प्रसाद का मानना है कि प्रकृति में कोई भी वस्तु बेकार नहीं है। उसे जानने एवं समझने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि बिहार में चार प्रकार की जिनको की प्रजातियां मिलती है, जो कि सभी प्रजातियों किसानों एवं मछुआरों के लिए महत्वपूर्ण हैं। उनमें से एक बड़ी प्रजाति के झींगे हैं, जिसे हेयरी में बीज उत्पादन एवं तालाब में पालनकर अर्थ अर्जन किया जा सकता है। जीव जंतु वैज्ञानिक को इससे पहले भी अनेक पुरस्कार प्राप्त कर अपने क्षेत्र और विश्वविद्यालय का नाम गौरवान्वित किया है।