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बक्सर पब्लिक स्कूल में आयोजित हुई ‘पंडित श्री मुरारि मिश्र हिंदी सुलेख लेखन प्रतियोगिता’

बक्सर: “कागज पर कलम चलाना एक कला है” — इस संदेश को आत्मसात करते हुए बक्सर बाजार समिति रोड स्थित बक्सर पब्लिक स्कूल में ‘पंडित श्री मुरारि मिश्र हिंदी सुलेख लेखन प्रतियोगिता’ का भव्य आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम “सुखी निरोगी जीवन” संस्था के बैनर तले आयोजित हुआ, जिसका मुख्य उद्देश्य लोगों में हस्तलेखन के प्रति जागरूकता बढ़ाना और सुलेख लेखन के प्रति रुझान को प्रोत्साहित करना था।

कार्यक्रम का शुभारंभ वरीय अधिवक्ता श्री रामेश्वर प्रसाद वर्मा द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि अच्छी लिखावट न केवल एकाग्रता बढ़ाती है, बल्कि रचनात्मकता और आत्मविश्वास को भी सशक्त करती है।

कार्यक्रम के संरक्षक एवं संयोजक अधिवक्ता शशि भूषण मिश्र ने कहा कि डिजिटल युग में हस्तलेखन की प्रासंगिकता कम होती जा रही है, जबकि यह क्रिया मस्तिष्क और शरीर दोनों में ऊर्जा का संचार करती है। उन्होंने सुलेख को शब्दों और भावों की प्रस्तुति की एक विशिष्ट कला बताया, जो लेखक की व्यक्तिगत छाप छोड़ती है।

विद्यालय के निदेशक सह प्रधानाचार्य श्री निर्मल कुमार सिंह ने भी सुलेख लेखन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह कौशल व्यक्ति में निपुणता, रोमांच और कलात्मकता का विकास करता है।

इस अवसर पर कवि उमेश पाठक ‘रवि’ ने कहा कि जिनकी लिखावट सुंदर होती है, वे स्वभाव से मिलनसार और जीवन में उत्साहित रहते हैं। वहीं सैनिक संघ के देवराज सिंह ने इसे मानसिक शांति और चुनौतियों पर नियंत्रण का माध्यम बताया।

प्रतियोगिता में बच्चों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। निर्णायक मंडल द्वारा घोषित परिणाम के अनुसार:

प्रथम पुरस्कार: दीपिका कुमारी (वर्ग 5)

द्वितीय पुरस्कार: साक्षी श्रेया (वर्ग 5)

तृतीय पुरस्कार: सत्यम कुमार (वर्ग 6)

विजेताओं को सम्मानित किया गया और उपस्थित अतिथियों, शिक्षकों तथा अभिभावकों ने विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की। कार्यक्रम की समापन बेला में हस्तलेखन को पुनः जीवन में अपनाने का आह्वान किया गया।

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