बंदरों की लगातार बढ़ रहीं है शहर में संख्या, लोग परेशान, निजात दिलाने की नहीं हुई पहल
डुमरांव. बंदरों के आतंक से लोग परेशान है. सड़को से लेकर छतों तक कब्जा जमाए हुए है. आलम यह है कि लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है. बंदरों के कारण आये दिन आर्थिक व शारीरिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. बंदर न सिर्फ घर में घुस कर सामानों की क्षति पहुंचाते है, बल्कि खदेड़ने गये लोगों को काट कर जख्मी भी कर देते है.
कई बार बंदरों की आपसी लड़ाई का खामियाजा भी लोगों को भुगतना पड़ रहा है. बंदरों के आतंक से प्रभावित नगर के लाला टोली, ठठेरी बाजार, राजगढ़ चौक, जंगल बाजार, शहीद स्मारक रोड, साफाखाना रोड, हरिजी के हाता, गोला रोड, चौक रोड, आदि जैसे घनी आबादी वाले इलाके में बंदरों की सक्रियता ने लोगों के नाक में दम कर रखा है.
अक्सर अभिभावक अपने बच्चों रास्ते में देख कर जाने की बात कहते है, कहीं बंदर हमला न कर दें. नप क्षेत्र में रहने वाले महिला-पुरूष अक्सर अपनें बच्चों से कहते हुए दिख जाते है कि बंदरों से सतर्क रहना. शहर के अधिकांश मुहल्लों में रहने वाले नागरिक बंदरों के आतंक से बेहद परेशान हैं. अक्सर बंदरों का बसेरा देर शाम कुछ चिंहित मुहल्लों में बन जाता है.
बंदरों द्वारा मचाए जा रहें आतंक के बारे में कई बार प्रशासनिक अधिकारियों को मौखिक व लिखित शिकायत देकर अवगत कराया जा चुका है. लेकिन प्रशासन द्वारा उक्त मामले को गंभीरता से न लेने के कारण लोगों में प्रशासन के प्रति आक्रोश है. झुंड बनाकर आने वाले बंदरों से लोग दहशत में हैं. यह बंदर घरों में लगी डिश की केबल काट देते हैं. सूखते कपड़ों को फाड़ देते हैं.
बिजली के तार पर झूलते रहते हैं. यह उत्पाती बंदर घर की छतों पर रखी पानी की टंकी का ढक्कन तोड़कर पानी पीकर उसी में डुबकी लगाते हुए देखे जा सकते हैं. मौका मिलते ही घरों में घुसकर उत्पात मचाने लगते हैं. कई बच्चंे व महिलाएं बंदरों के आतंक का शिकार होकर गंभीर रूप से घायल भी हो चुके हैं.
लोगों ने स्थानीय नगर परिषद प्रशासन से मांग की है कि उत्पाती बंदरों को पकड़वाकर उचित स्थान पर छुड़वाया जाए. जिससे शहरवासियों को इनके आतंक से छुटकारा मिल सके. बता दें कि पूर्व के बोर्ड द्वारा बंदर पकड़ने का कार्य होने नप के लेागों को राहत मिली.
लेकिन पकड़ने वाला अभियान कुछ दिनों तक चला. नप क्षेत्र के सुजीत कुमार, गोपालजी केशरी, आकाश मिश्र, पवन चौरसिया, राजू यादव, सुनील वर्मा, शशि कुमार, राजेश वर्मा, शंकर, अर्चना जायसवाल, शिक्षक सुनील कुमार, किरण देवी, मीरा देवी, मुकुल श्रीवास्तव, हरिओम सिंह ने नगर परिषद व अनुमंडल प्रशासन से बंदरों के आंतक से निजात दिलाने की मांग की.
क्या कहते ही चेयरमैन
नगर परिषद के चेयरमैन सुनीता गुप्ता ने कहां कि लोगों को बंदरों से निजात के बोर्ड में प्रस्ताव लाकर इस पर पहल की जाएगी. ताकि लोगों को बंदरों से राहत मिल सके.