पेयजल संरक्षित करने को लेकर सभी की जागरूक जरूरी : जलपुत्र अजय
-पानी की समस्या है विकराल, जल बचाव के बनें मिशाल जलपुत्र अजय
डुमरांव. नगर परिषद क्षेत्र के अपकारी गली में नलके में टोटी लगा बर्बाद हो रहें पेयजल को संरक्षित किया. लेकिन समस्या का समाधान सिर्फ ’टोटी’ लगाना ही नहीं है. सवाल यह है की आखिरकार लोग कब जागरूक होंगे ? कुछ ऐसे लोग भी हैं, जिनके मोहल्ले में घर के समीप यहां तक की उनके दरवाजे के सामने नलके में टोटी के अभाव में पेयजल की बर्बादी हो रही होती है.
जबकि वही लोग उस नलके के पानी का अपने दैनिक जीवन में उपयोग में भी लाते हैं. लेकिन चंद पैसो से उक्त नलके में टोटी लगाना उचित नही समझतें. जबकि वैसे लोग दिन भर में 50-100 रुपया का गुटखा, पान आदि खाकर रोड पर थूक देते हैं. जबकि इससे अनेकों प्रकार की बीमारियां होती है और सड़क भी गंदा होता है, फिजूल के कामों पैसे भी खर्च कर देते हैं.
लोगों को अपनी ’मानसिकता’ को बदलना होगा. आज दिल्ली, हरियाणा, बंगलोर, मुंबई जैसे राज्यों के लोग जल संकट से जूझ रहे हैं, जो की काफी चिंता का विषय है. यदि समय रहते हम सभी जागरूक नहीं हुए तो वो दिन दूर नही जब हमारे आने वाली पीढ़ी को ’बूंद- बूंद’ पानी के लिए तरसना पड़ेगा.