बक्सर : पटाखा विक्रेता भण्डारण के स्थान पर कम से कम दो वाटर सी0ओ0टू0 (9 लीटर क्षमता का) तथा दो डीसीपी (6 केजी क्षमता) प्रोटेबल अग्निशामक यंत्र एवं दो ड्राम पानी अवश्य रखें जिसके संचालन की जानकारी उन्हें तथा उनके कर्मी को भी हो. बच्चों द्वारा पटाखा चलाने के समय घर का कोई व्यस्क सदस्य वहाँ अवश्य उपस्थित रहें और अपने निगरानी में पटाखा फोड़वायें. बच्चों के अभिभावक अपने बच्चों को तंग गली या घरों के अन्दर में पटाखा न छोड़ने दें बल्कि खुले स्थान में इसे छोड़े.
आतिशबाजी का प्रयोग करने से पूर्व उस पर लिखें अग्नि सुरक्षा संबंधी सावधानियों को ध्यानपूर्वक अवश्य पढे़ एवं पालन करें. आतिशबाजी करते समय आस-पास में एक बाल्टी पानी अवश्य रखें. घी एवं तेल के दीपक कभी कपडे़ अथवा ज्वलनशील पदार्थ के नजदीक न जलाएँ। हमेशा ऐसे दीपक को अपने देख-रेख में रखें. अग्नि सुरक्षा पर तकनीकी सलाह लेने हेतु अपने नजदीकी अग्निशामालय पदाधिकारी से सम्पर्क कर सकते है. बिहार अग्निशमन सेवा सभी जिलों तथा अनुमंडल में कार्यरत है.
किसी भी प्रकार के अग्नि घटना होने पर अग्निशमन सेवा का आपातकालीन दूरभाष संख्या 101 या पुलिस कन्ट्रोल रूम का आपातकालीन नम्बर 100 या स्थानीय अग्निशामालय का नम्बर जिला नियंत्रण कक्ष या अनुमंडल कार्यालय का कन्ट्रोल रूम स्थानीय पुलिस थाना को दूरभाष से सूचित करना चाहिए ताकि स्थानीय अग्निशामालय पदाधिकारी आपकी मदद त्वरित गति से कर सकें.
क्या न करें
घर में अधिक मात्रा में पटाखा का भण्डारण न करें. घर के अंदर कभी भी पटाखा न चलायें. दुकानों में पूजा पाठ के पश्चात जलती हुई दीपक, अगरबती एवं मोमबती जलते हुए छोड़कर कभी न जाएँ. पतले बिजली के तारों पर ज्यादा वोल्टेज के बल्ब नहीं जलायें अथवा उसे ओभरलोड नहीं करें. दो बिजली के तारों को जोड़ते समय उस पर टेप अवश्य लगायें.
बिजली के शॉकेट में सीधे तार न घुसायें, इसमें हमेशा प्लग का व्यवहार करें. ढीले या सिन्थेटिक कपउे़ पहनकर खुली लौ वाले दीये, मोमबती या पटाखों के पास न जाएँ. आतिशबाजी के समय शरीर के कपड़ों में आग लग जाए तो उनी कंबल या बोरी से लपेट कर एवं जमीन पर लोट कर आग बुझाने का प्रयास करें. आसमान तारा कभी कभी दूसरे के घरों में प्रवेश कर आगजनी का कारण बनती है. अतः यथासंभव इससे परहेज करें.