डुमरांव. दलित आरक्षण से संबंधित सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ दलित समाज व सामाजिक संगठनों के आह्वान पर बुधवार को भारत बंद के समर्थन में भाकपा-माले के नेता कार्यकर्ता भी सड़क पर उतर कर सक्रिय भूमिका निभाई.
भाकपा-माले नेताओं ने बंद को संबोधित करते हुए कहा कि संविधान के अनुसार दलित आरक्षण के बारे में कोई भी संशोधन संसद और राष्ट्रपति के अनुमोदन से ही संभव है. लेकिन क्रीमी लेयर और दलितों के भीतर वंचितों का पता लगाने की जिम्मेवारी सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को दी है.
इसीलिए हमारी पार्टी सुप्रीम कोर्ट के इस असंवैधानिक फैसले का विरोध करती है. क्रीमी लेयर को चिन्हित करने का सुझाव भी दलित आरक्षण को खत्म करने की भाजपाई साजिश का ही हिस्सा है. दलित आरक्षण का आधार आर्थिक नहीं सामाजिक वंचना है, जो ऊंचे पदों पर जाने के बाद भी देखने को मिलता है.
देश के सर्वोच्च पद पर आसीन राष्ट्रपति के साथ भी छुआछूत देखने को मिला है. कोटे के भीतर कोटा दलितों में फूट डालने, आपस में लड़वाने और संविधान व लोकतंत्र की रक्षा की खातिर भाजपा के खिलाफ चल रहें, उनके एकताबद्ध संघर्ष को कमजोर करने की साजिश है.
एनडीए दलों के भीतर और देश में व्यापक विरोध के कारण भाजपा का केन्द्रीय मंत्रिमंडल क्रीमी लेयर लागू करने से पीछे हट गया है, लेकिन वह कोटा के भीतर कोटा पर मौन है.सामाजिक संगठनों द्वारा दलित आरक्षण के सवाल पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ आहूत भारत बंद का हमारी पार्टी समर्थन करती है.
दलितों के सबसे वंचित हिस्से को न्याय दिलाने के नाम पर आरक्षण के संवैधानिक आधार को कमजोर करना हमें मंजूर नही है. डुमरांव, ब्रह्मपुर, बक्सर, धनसोई में माले कार्यकर्ताओं ने बंद को सफल किया और जुलूस निकाला. बंद को भाकपा-माले के डुमरांव प्रखंड सचिव कन्हैया पासवान, खेत मजदूर संगठन के जिला सचिव नारायण दास, बक्सर प्रखंड सचिव नीरज कुमार, मनरूप पासवान, कन्हैया राम ने संबोधित किया.
भाकपा माले के स्टैंडिंग के नेता संजय शर्मा, ललन प्रसाद, ऐपवा नेत्री रेखा देवी, डुमरांव नगर सचिव कृष्णा राम, माले के वरिष्ठ नेता श्रीभगवान राम, छविनाथ पासवान सहित सैकड़ों नेताओं कार्यकर्ताओं ने सक्रिय रूप से बंद को सफल कराने में सहयोग किया. प्रखंड के माले कमिटी के नेता बाबूलाल राम, इंकलाबी नौजवान सभा के नेता प्रभात, शैलेन्द्र पासवान ने आम जुलूस के द्वारा जाम का नेतृत्व किया.
जाम से लोग रहे परेशान
ईदगाह के समीप दलित आरक्षण से संबंधित सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ दलित समाज व सामाजिक संगठनों ने ईदगाह मोड़ पर मुख्य सड़क को जाम किया. जिससे लोगों परेशानी का सामना करना पड़ा. लंबी दूरी पैदल चलकर लोग अपने गंतव्य स्थान पर पहुंचे.
मुख्य सड़क जाम होने से चाणक्य कालोनी, जंगली नाथ शिव मंदिर रोड, इंटर कॉलेज व सुमित्रा महिला कालेज रोड में मुख्य सड़क जाम रहने से यह भी सड़क पर जाम का नजारा देखने को मिला. जान जोखिम में डालकर लोग अपने बाइक सड़क से जैसे तैसे पार करते देखा गया.
ईदगाह मोड़ के समीप जाम होने से दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार देखने को मिली. दो बजे के बाद सड़क पर आवागमन सामान्य हो गया. इस दौरान अनुमंडल प्रशासन भारत बंद के दौरान गतिविधियों पर नज़र रखें हुए था.