डिजिटल मिशन को घर घर तक पहुंचाने के लिए आशा फैसिलिटेटर हुई प्रशिक्षित
आशा स्मार्ट बन जाएगी और किसी भी रजिस्टर पर लिखने-पढने का नहीं रहेगा झंझट
डुमरांव. स्वास्थ्य विभाग के डिजिटल मिशन को घर-घर तक पहुंचाने के लिए आशा कार्यकर्ताओं काे स्मार्ट बनाने का काम शुरू कर दिया गया है. इसके तहत बुधवार काे जिला मुख्यालय से पहुंची टीम ने अनुमंडल अस्पताल में आशा फैसिलेटर को इसके उपयाेग करने के तरीके के बारे में बताया. जिले में 28 जून तक एम आशा एप का ट्रेनिंग सभी जिले में पूरा कर लिया जाना है.
पटना से आई टीम ने अनुमंडल अस्पताल में भव्य एम आशा एप का इंप्लीमेंटेशन पूरा कर लिया. आशा फैसिलेटराें काे एम आशा एप के उपयाेग के बारे में ट्रेनर रजनीश मेहता एवं बबलू कुमार द्वारा एप की ट्रेनिंग दी गई. स्टेट हेड रुचि झा, स्टेट टीम मैनेजर दुर्गा शंकर सिंह और अभिषेक तिवारी ने बताया कि आशा कार्यकर्ता
अब फाेन के जरिए एम-आशा एप के माध्यम से लाेगाें काे हाेने वाली बीमारियाें समेत अन्य असुविधाओं काे सीधे पाेर्टल पर अपलाेड कर देगी. गांव में हाेने वाली जन्म-मृत्यु, प्रसव, फाइलेरिया, मलेरिया, एर्ईएस, बुखार, डायरिया समेत सभी प्रकार की बीमारियाें समेत अन्य गतिविधियाें काे इस डिजिटल एप से जाेडा जा रहा है.
इसके साथ ही गांव-गांव की सर्वे करना, यें सभी इस एप के माध्यम से आशा पाेर्टल पर अपलाेड करेगी. इसके साथ ही आशा स्मार्ट बन जाएगी और किसी भी रजिस्टर पर लिखने-पढने का झंझट नहीं रहेगा. राज्य स्वास्थ्य समिति की ओर से एमएसपी टीम के विशेषज्ञ आशा और आशा फैसिलेटराें काे ट्रेनिंग देकर मास्टर ट्रेनर बनाए है.
इस बैठक मे डुमरांव, चक्की, केसठ से 11 आशा फैसिलिटेटर और बीसीएम अक्षय पासवान, निभा कुमारी, सुशील कुमार, बीएम एंड ई विनोद कुमार, उमेश राय, लोकल ट्रेनर जितेंद्र पांडे, वेद प्रकाश मिश्रा उपस्थित थे.