पटना. बिहार की सबसे बड़ी प्रोफेशनल लर्निंग कम्युनिटी टीचर्स ऑफ बिहार शिक्षा के क्षेत्र में प्रतिदिन नए आयाम गढ़ने की ओर अग्रसर है. टीचर्स ऑफ़ बिहार ने बिहार के बच्चों एवं शिक्षकों किए अब तक जो प्रयास किए हैं. उनमें डिजिटल पत्रिका “चेतना” और “दैनिक ज्ञानकोश” बहुत ही महत्वपूर्ण हैं, जो बच्चों और शिक्षकों के लिए बहुत ही ज्ञानवर्धक साबित हुए हैं. हमें ये कहने में कोई अतिश्योक्ति नहीं कि बिहार के अधिकतर विद्यालयों में बच्चों और शिक्षकों के दिन की शुरुआत दैनिक पत्रिका चेतना और दैनिक ज्ञानकोश से ही होती है.
दैनिक पत्रिका चेतना और दैनिक ज्ञानकोश वाकई में एक अनमोल रत्न के समान है। इस डिजिटल पत्रिका के माध्यम से हमें यह ज्ञान मिलता है कि आज अपने विद्यालय में आयोजित होने वाली चेतना सत्र में किन-किन गतिविधियों को शामिल करना है. साथ ही बच्चों को आज की तिथि से संबंधित दिवस विशेष के रूप में क्या-क्या जानकारियां देना है. इन रचनाओं ने छात्रों के विद्यालयी दिनचर्या में अति महत्वपूर्ण परिवर्तन लाए हैं.
छात्रों के लिए यह डिजिटल पत्रिका न केवल दैनिक जीवन में बल्कि अनेक प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी अपने आप को सक्षम बनाने में उपयोगी साबित हुआ है. आप सबों को यह बताते हुए काफ़ी हर्ष हो रहा है कि डिजिटल पत्रिका चेतना और दैनिक ज्ञानकोश से छात्रों के जीवन शैली में भी सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं.
इसके लिए टीचर्स ऑफ़ बिहार के फाउंडर पटना जिले के शिक्षक शिव कुमार के निर्देशन में कार्य करने वाली डिजिटल दैनिक पत्रिका “चेतना” के टीम के लीडर समस्तीपुर जिले के शिक्षक अनिल कुमार प्रभाकर और “दैनिक ज्ञानकोश” टीम की लीडर अररिया जिले की शिक्षिका मधु प्रिया एवं बिहार के विभिन्न
जिले के सरकारी विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक एवं शिक्षिकाओं का टीम के सदस्यों के रूप में अहम योगदान है जिनके अथक प्रयास से ही ये संभव हो पा रहा है. उक्त जानकारी टीचर्स ऑफ़ बिहार के प्रदेश प्रवक्ता रंजेश कुमार एवं तिरहुत प्रमंडल के मीडिया प्रभारी सह वैशाली ज़िले के शिक्षक मो. नसीम अख्तर ने संयुक्त रूप से दी.