spot_img

जिले में 30 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के सभी व्यक्तियों की होगी स्क्रीनिंग

यह भी पढ़ें

- Advertisement -

बक्सर, 19 दिसंबर | नेशनल प्रोग्राम फॉर प्रीवेंशन एंड कंट्रोल ऑफ कैंसर, डायबिटीज, कार्डियो वैस्कुलर डिजीज और स्ट्रोक्स (एनपीसीडीसीएस) कार्यक्रम के तहत जिले के सभी प्रखंडों में अभियान चलाया जा रहा है। जिसके अंतर्गत जिले के सभी प्रखंडों में आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा अपने अपने संबंधित क्षेत्र के सभी परिवारों का सी-बैक फॉर्म भरा जा रहा है। ताकि, जिले में 30 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के सभी लोगों की एनसीडी स्क्रीनिंग की जा सके। इसके लिए आशा कार्यकर्ताओं द्वारा सर्वे किया जा रहा है। जिसकी रिपोर्ट ऑनलाइन की जाएगी। इस क्रम में बीते दिनों जिले के सभी प्रखंडों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, एनसीडी नोडल ऑफिसर व कम्युनिटी हेल्थ ऑफीसर (सीएचओ) को प्रशिक्षित किया जा चुका है। जिसके माध्यम से उन्हें गैर संचारी रोगों में भूमिका विषय पर विस्तृत जानकारी दी गई है। स्वास्थ्य विभाग के द्वारा एनपीसीडीएस के अंतर्गत पॉपुलेशन बेस्ड मास स्क्रीनिंग फॉर एनसीडी के तहत 30 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के जिले के लोगों की एनसीडी स्क्रीनिंग की जाती है। जिसके तहत कैंसर, मधुमेह, हृदय रोग और लकवा आदि के मरीजों के लक्षणों व सामान्य जांच के आधार पर ऐसे मरीजों को चिह्नित किया जाना है। गंभीर बीमारी से जूझ रहे मरीजों को स्वास्थ्य केंद्रों पर पहुंचा कर इलाज में मदद करनी है।

घर घर जाकर आशाएं कर रही हैं सर्वे

सदर प्रखंड के बीसीएम प्रिंस कुमार सिंह ने बताया कि आशा कार्यकर्ताओं द्वारा एचडब्ल्यूसी व एपीएचसी के अंतर्गत कार्य क्षेत्र में प्रत्येक परिवारों का फैमिली फोल्डर तैयार किया जा रहा है। साथ ही, परिवार के 30 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के सभी व्यक्तियों का सी- बैक फॉर्म के रूप में भरना है। सी-बैक फॉर्म में लोगों की सभी जानकारी की इंट्री करनी है। जिसके बाद उनके अंदर गंभीर बीमारियों के लक्षणों को चिह्नित किया जाएगा। विशेषकर एनसीडी के अंतर्गत आने वाली बीमारियां मसलन उच्च रक्तचाप, मधुमेह, अधिक वजन होना (मोटापा), हृदय रोग तथा लकवा, कैंसर, दमा, दंत रोग व मसूड़े के रोग के लक्षण वाले मरीजों को चिह्नित किया जाएगा। ताकि, उनको अपने नजदीकी स्वास्थ्य संस्थान में जाकर नियिमत रूप से स्क्रीनिंग कराने के लिए जागरूक और प्रेरित किया जा सके।

सर्वे के बाद चलाया जाएगा जारूकता अभियान

बीसीएम ने कहा कि गैर संचारी रोग के अंतर्गत आने वाली गंभीर बीमारियों की पहचान यदि समय हो जाती है, तो लोगों को इलाज के लए प्रखंड या जिला अस्पताल के स्वास्थ्य संस्थानों का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। उनकी निगरानी और इलाज पंचायत स्तर पर बने स्वास्थ्य संस्थानों एचडब्ल्यूसी और एपीएचसी स्तर पर ही हो जाएगा। इस क्रम में फ्रंट लाइन वर्कर्स को बीएमआई निकालना भी सिखाया गया है। जिससे मरीज की लंबाई के अनुरूप उसके वजन की सही जानकारी मरीज को हो सके। वहीं, आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा सर्वे किए जाने के बाद सीएचओ, एएनएम व फ्रंट लाइन वर्कर्स के द्वारा जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। जिसके माध्यम से लोगों को इन बीमारियों की जांच, इलाज और बचाव की जानकारी दी जाएगी।

- Advertisement -

विज्ञापन और पोर्टल को सहयोग करने के लिए इसका उपयोग करें

spot_img
0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments

विज्ञापन

spot_img

विज्ञापन

spot_img

विज्ञापन

spot_img

विज्ञापन

spot_img

संबंधित खबरें