पटना/ 30 जनवरी- मातृ, नवजात एवं एवं शिशु पोषण के मानकों में सुधार लाने के लिए सरकार प्रयासरत है. इसके लिए कई स्तर पर कार्य किये जा रहे हैं. इसी क्रम में अलाइव एंड थ्रायिव के तत्वावधान में सहयोगी संस्थाओं के साथ मातृ, नवजात एवं एवं शिशु पोषण के वर्तमान स्थिति एवं इसमें सुधार लाने के लिए इंदिरा गाँधी आयुर्विज्ञान संस्थान में नीति निर्धरण के लिए बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में स्वास्थ्य विभाग एवं समेकित बाल विकास विभाग के अधिकारीयों ने भी शिरकत की और अपने विचार रखे.
जन्म के प्रथम घंटे के अंदर स्तनपान है हर नवजात का हक़
बैठक को संबोधित करते हुए राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, शिशु स्वास्थ्य डॉ. बिजय प्रकाश राय ने बताया कि बाल कुपोषण पर लगाम लगाने के लिए नवजात के जन्म के एक घंटे के अंदर स्तनपान कराना जरुरी है. माँ का पहला पीला गाढ़ा दूध पोषक तत्वों से संपूर्ण होता है और यह नवजात के लिए संजीवनी का काम करता है. उन्होंने बताया कि इससे नवजात के जन्म के उपरांत सभी पोषक तत्वों की पूर्ती होती है. शिशु को जन्म के बाद पहले छः महीने तक सिर्फ माँ का दूध उसके सभी पोषण की जरूरतों को पूरा करता है.
प्रसव पूर्व जांच के दौरान मातृ पोषण के बारे में चर्चा करने की जरुरत
बैठक में अपने विचार रखते हुए अलाइव एंड थ्रायिव की वरीय पदाधिकारी डॉ. सेबंती घोष ने कहा कि मातृ पोषण का संदेश महिलाओं तक पहुंचाने का प्रसव पूर्व जांच एक सशक्त माध्यम है. जांच के दौरान महिलाओं को अपने पोषण की जरूरतों का ध्यान रखने के लिए प्रेरित कर मातृ, नवजात एवं शिशु पोषण के मानकों में सुधार किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि एक स्वस्थ एवं पोषित महिला ही एक सुपोषित शिशु की जननी होती है. डॉ. घोष ने मातृ, नवजात एवं एवं शिशु पोषण पर जानकारी से भरपूर ई लर्निंग पाठ्यक्रम के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी.
राज्य की पोषण अभियान की नोडल पदाधिकारी रिफत अंसारी ने कहा कि पोषण के संदेश को ज्यादा से ज्यादा लक्षित आबादी तक पहुंचाने के लिए आंगनवाड़ी केंद्रों को ध्यान में रखकर रणनीति बनाने की जरुरत है. मातृ पोषण के मानकों में सुधार लाने के लिए गृह भ्रमण कर महिलाओं के परिवारजनों को भी पोषण के महत्त्व को साझा करने की जरुरत है. पीसीआई के डॉ. नरोत्तम प्रधान ने सामुदायिक स्तर पर पोषण के संदेश को पहुंचाने में सहयोगी संस्थाओं सहित जीविका के द्वारा किये जा रहे कार्यों की चर्चा की. केयर इंडिया की तरफ से प्रदीप जोसफ ने सामुदायिक स्तर पर पोषण के मानकों में सुधार लाने में सभी के सामूहिक प्रयास के आवश्यकता पर बल दिया.
कार्यक्रम में विभिन्न सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधि, राज्य स्वास्थ्य समिति से डॉ. बी.पी.राय एवं बिमलेश कुमार सिन्हा, समेकित बाल विकास विभाग से रिफत अंसारी एवं मनोज कुमार सहित अलाइव एंड थ्रायिव की तरफ से डॉ. सेबंती घोष एवं नोवीना स्वप्नभ शामिल रहीं. बैठक का संचालन अलाइव एंड थ्रायिव के राज्य की वरीय राज्य कार्यक्रम प्रबंधक डॉ. अनुपम श्रीवास्तव ने किया.
