चतुर्थ कृषि रोड मैप के सूत्रण हेतु आत्मा द्वारा कार्यशाला का आयोजन, किसानों ने दिये महत्वपूर्ण सुझाव

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बक्सर : स्थानीय किला मैदान में कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध अभिकरण ‘‘आत्मा’’ द्वारा चतुर्थ कृषि रोड मैप के सूत्रण हेतु किसानों एवं सम्बद्ध विभागों के पदाधिकारियों के साथ विचार-विमर्श एवं सुझाव की प्राप्ति हेतु एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।कार्यशाला का उद्घाटन जिला पदाधिकारी बक्सर श्री अमन समीर, राज्य से नामित नोडल पदाधिकारी-सह-उप निदेशक, रसायन श्री विनय कुमार पाण्डेय व जिला कृषि पदाधिकारी बक्सर श्री मनोज कुमार ने संयुक्त रुप से दीप प्रज्जवलित कर किया। किसानों को संबोधित करते हुए जिला पदाधिकारी बक्सर श्री अमन समीर ने कहा कि अब तक तीन कृषि रोड मैप, जिसमें प्रथम 2008 से 2012, द्वितीय 2012 से 2017 एवं तृतीय 2017 से 2022 समय रेखा निर्धारित थी, का निर्माण किया जा चुका है।

आगामी चतुर्थ कृषि रोड मैप के सूत्रण में राज्य स्तर के निर्णयानुसार पहली बार जिला के किसानों का फीडबैक लिया जा रहा है, जिसका मुख्य उदेश्य किसानों के महत्वपूर्ण सुझाव को चतुर्थ कृषि रोड मैप में शामिल करना है। उन्होंने पूर्व के कृषि रोड मैप के अंतर्गत किये गये कार्यो के उपलब्धियों पर चर्चा करते हुए कहा कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में हरित आवरण को वर्ष 2022 तक 17 प्रतिशत करने का लक्ष्य था, जिसमें सभी किसानों को अधिक से अधिक पौधे लगाने पर ध्यान देना होगा तभी अल्पवृष्टि, अत्यधिक तापमान जैसे भयानक आपदाओं से सुरक्षित रह सकते हैं। कार्यशाला में अनेक किसानों द्वारा महत्वपूर्ण सुझाव दिये गये। सुझाव के दौरान ब्रम्हपुर के शैलेश कुमार ओझा ने बताया कि जिले में जैविक खेती का आच्छादन बढ़ाना चाहिए साथ ही प्रत्येक प्रखंड में जैविक उर्वरक की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए।

बक्सर प्रखंड के राकेश कुमार ने सुझाव दिया कि अक्सर गर्मियों में बिजली के तार द्वारा खेतों में भयानक आग लग जाती है, इस पर विशेष ध्यान देना चाहिए साथ ही जिले में उत्पादित धान एवं गेहूॅं के वितरण की व्यवस्था को पीडीएस से जोड़ा जाय, ताकि बाजार के लिए भटकना नहीं पड़े। उन्होंने किसानों के स्वास्थ्य पर सुझाव देते हुए कहा कि सभी किसानों को भी आयुष्मान कार्ड उपलब्ध कराया जाय, ताकि ईलाज में सहुलियत हो। इटाढ़ी के किसान सुरेश सिंह ने सुझाव दिया कि जिले में नहरों का आधुनिकीकरण जरुरी है। बसुधर के किसान अमित कुमार ने सुझाव दिया कि पंचायत स्तर पर कम से कम दस गोदाम निर्माण पर अनुदान की व्यवस्था की जाय। अतरौना के किसान गिरजाशंकर सिंह के द्वारा सुझाव दिया गया कि प्रखंड स्तर पर कृषि टास्क फोर्स की बैठक कराई जाय। किसानों द्वारा अधिकतर सुझाव बिजली की आपूर्ति, पानी की उपलब्धता व बाजार की व्यवस्था को लेकर था।

जिला पदाधिकारी महोदय के द्वारा आश्वस्त किया गया कि प्रगतिशील कृषक के सुझाव को लिपिबद्ध कर चतुर्थ कृषि रोड मैप के सूत्रण ही विभाग को उपलब्ध करा दिया जायेगा साथ ही विभाग को भेजे गये सुझाव की प्रति जिले के वेबसाईट सहित कृषि समन्वयक व किसान सलाहकार के पास भी होगी, जिससे किसानों को भी जानकारी रहेगी कि मेरा सुझाव को विभाग में भेजा गया है। चतुर्थ कृषि रोड मैप के उदेश्य में जलवायु अनुकूल कृषि प्रणाली का अंगीकरण, फसल विविधीकरण को बढ़ावा,सघन कृषि प्रोत्साहन, ई कामर्स को बढ़ावा, कृषि उद्यमिता का विकास, फसल अवशेष प्रबंधन, मांग आधारित बाजार व्यवस्था, समेकित कृषि प्रणाली, शीत गृहों की स्थापना, निजी भंडार गृह प्रोत्साहन, रासायनिक उर्वरकों के विकल्प का विकास, कृषि ऋण की सुगम उपलब्धता, वैकल्पिक उद्यमों का समावेश, पुरातन स्थानीय प्रजातियों का संरक्षण शामिल है। कार्यशाला में कृषि व कृषि से सम्बद्ध विभाग के पदाधिकारी, कर्मी सहित विभिन्न प्रखंडों से अनेक कृषक उपस्थित थे।

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