गर्भनिरोध के स्थाई साधनों के प्रति लोगों का भरोसा कायम, लोकप्रिय हो रहे हैं नियोजन के अस्थाई साधन
परिवार नियोजन पखवाड़ा के दौरान 700 लोगों ने स्थाई व करीब 400 लोगों ने निरोध के अस्थाई साधन को अपनाया
अररिया/डा. रूद्र किंकर वर्मा : परिवार नियोजन संबंधी उपायों को बढ़ावा देना स्वास्थ्य विभाग की प्राथमिकताओं में शुमार है. इसे लेकर समय-समय पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा विशेष कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है. इसी कड़ी में जिले में बीते 04 से 16 दिसंबर तक आयोजित परिवार नियोजन पखवाड़ा बेहद सफल रहा. पखवाड़ा के दौरान कुल 700 लोगों ने परिवार नियोजन के स्थायी साधन को अपनाया. पखवाड़ा के दौरान जहां 677 महिलाओं ने बंध्याकरण कराया. वहीं 03 पुरुषों ने भी नसबंदी कराकर परिवार नियोजन के स्थायी साधन को अपनाया.
महिला बंध्याकरण में एसडीएच फारबिसगंज रहा अव्वल
परिवार नियोजन पखवाड़ा के दौरान अनुमंडल अस्पताल फारबिसगंज में महिला बंध्याकरण के सबसे अधिक मामले निष्पादित किये गये. जानकारी देते हुए डीसीएम सौरव कुमार ने बताया कि महिला बंध्याकरण मामले में सदर अस्पताल अररिया दूसरे स्थान पर रहा. अनुमंडल अस्पताल में जहां 163 महिलाओं का सफल बंध्याकरण ऑपरेशन किया गया.
वहीं सदर अस्पताल में 103 महिलाओं का सफल ऑपरेशन हो सका. इस दौरान पीएचसी अररिया में 33, भरगामा सीएचसी में 81, रेफरल अस्पताल जोकीहाट में 47, पीएचसी कुर्साकांटा में 42, सीएचसी नरपतगंज में 96, पीएचसी पलासी में 22, सीएचसी सिकटी में 27, रेफरल अस्पताल रानीगंज में 63 महिलाओं का सफल बंध्याकरण ऑपरेशन संभव हो सका. पखवाड़ा के दौरान जोकीहाट, कुर्साकांटा व पलासी में एक-एक पुरुष नसबंदी संबंधी मामले का निष्पादन किया गया.
गर्भनिरोध उपायों का किया गया निः शुल्क वितरण
डीसीएम सौरव कुमार ने बताया कि पखवाड़ा के दौरान 32 दंपतियों ने पीपीएस व 374 दंपतियों ने पीपीआईयूसीडी को अपनाया. इस दौरान परिवार नियोजन संबंधी उपायों की मजबूती के लिये विभाग द्वारा गर्भनिरोधक गोली माला एन 2427 व छाया 2456 गोली वितरित की गयी. पखवाड़ा के दौरान करीब 20900 कंडोम वितरित किये गये.
नियोजन के अस्थायी उपाय भी हो रहा लोकप्रिय
एनएफएचएस के आंकड़ों के मुताबिक जिले में पांच साल के दौरान नियोजन संबंधी उपाय अपनाने वाले परिवार की संख्या में 20 फीसदी वृद्धि हुई है. जिले में 15 से 49 साल के बीच मां बनने वाली 46 फीसदी महिलाएं किसी न किसी नियोजन उपायों को अपनाती हैं. इसमें 42 फीसदी महिलाएं नियोजन के लिये आधुनिक तरीकों पर विश्वास करती हैं.
स्थायी नियोजन के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ कर 36 तक पहुंच गया है. वर्तमान में 0.1 प्रतिशत महिलाएं आईयूपीडी, पीपीआईयूडी का इस्तेमाल करती हैं. वहीं 0.9 फीसदी महिलाएं गर्भ निरोधक गोलियों का इस्तेमाल करती हैं. रिपोर्ट के मुताबिक नियोजन के लिये लगभग 05 फीसदी कंडोम या गर्भ निरोधक इंजेक्शन का इस्तेमाल होता है.
निः शुल्क उपलब्ध है नियोजन से जुड़ी तमाम सुविधाएं
सिविल सर्जन डॉ विधानचंद्र सिंह ने बताया कि परिवार नियोजन स्वस्थ व समृद्ध परिवार का आधार है. ये परिवार का आकार छोटा रखने, दो बच्चों के बीच पर्याप्त अंतर रखने का सुलभ व आसान जरिया है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा परिवार नियोजन से संबंधित सभी जरूरी सुविधाएं लोगों को निःशुल्क उपलब्ध करायी जाती हैं. हाल के दिनों में परिवार नियोजन सेवाओं के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ा है. स्थाई साधनों के साथ गर्भ निरोध के अस्थाई साधन भी तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं।