बक्सर : गतिविधि आधारित शिक्षण, प्रोजेक्ट, यात्रा, अनुभव इत्यादि के समावेश पर आधारित शिक्षण व्यवस्था उत्तम शिक्षक की पहचान जिला ही नहीं, राज्य स्तर पर बनती रही है और कुछ शिक्षक तो देश- विदेश में अपने शिक्षण कौशल से पहचान बना चुके हैं. बक्सर जिला के शिक्षक भी सक्रिय भूमिका से अपनी पहचान बनाए. उक्त बातें शिक्षा विभाग बक्सर के पदाधिकारी श्री अनिल कुमार द्विवेदी जिला शिक्षा पदाधिकारी बक्सर ने कही.
वे कमलदह पोखरा के प्रांगण में आयोजित जिला स्तरीय निपुण टीएलएम मेला को संबोधित कर रहे थे. टीएलएम अर्थात टीचिंग लर्निंग मैटेरियल मेले का जिला स्तर पर आयोजन हुआ इस मेले में प्रतिभागी शिक्षक प्रखंड स्तर से चयनित होकर यहां भाग लिए प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के नेतृत्व में प्रत्येक हर एक ग्यारह प्रखंड के प्रतिभागी यहां उपस्थित रहे उन्होंने अपने शिक्षण गतिविधि आधार पर जो पद्धति अपनाई उसके आकलन हेतु जिला स्तर पर गठित कमेटी को अपने निर्णय सुनाने में कठोर मेहनत और माथापच्ची के बाद परिणाम की घोषणा की.
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी चंदन कुमार द्विवेदी. ने शिक्षकों को अपने प्रतिभा कौशल का प्रयोग वर्ग कक्ष में जबरदस्त तरीके से दिखाने की प्रेरणा दी. राज्य प्रतिनिधि के रूप में आनंद मिश्रा ने गतिविधि को वर्ग शिक्षण के दौरान प्रोत्साहित करने से संबंधित उदाहरण प्रस्तुत किए राज्य प्रतिनिधि ने बक्सर टी एल एम मेला की जमकर सराहना की. जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान डुमराव के प्रभारी प्राचार्य नवनीत कुमार सिंह ने भी गतिविधि आधारित शिक्षण के महत्व को रेखांकित किया. मंच संचालन डा. एमके शशि और प्रमोद कुमार चौबे ने संयुक्त रूप से किया.
कार्यक्रम के सफल आयोजन में डॉ सुरेंद्र सिंह, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सुरेश प्रसाद, सतीश चंद्र त्रिपाठी, गणित व्याख्याता लीलावती कुमारी, भाषा व्याख्याता डाइट संगीता कुमारी, अजय कुमार उपाध्याय, डॉ प्रभात, डॉक्टर तेज बहादुर सिंह, मोहम्मद शाहनवाज ,विजय कुमार सिन्हा, अजय कुमार, वशिष्ठ कुमार, सतीश चंद त्रिपाठी अनीता यादव इत्यादि की महत्वपूर्ण भूमिका दिखी.