डुमरांव. नगर परिषद क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या जो वातावरण को लंबे समय से प्रदूषित कर रहीं. वह वार्ड संख्या 33 के संत कालोनी में लंबे समय से जल जमाव, जिसका सड़ाध बदूब से सफाखाना रोड में आवागमन करने वाले लोग व इसके आस-पास रहने वाले लोग परेशान है. जल जमाव से सटे घरों में लगे चापाकल से पानी खाना में उपयोग नहीं होता है. आरओ का पानी उपयोग करते है. नहाने से शरीर में चर्म रोग संबंधित रोगों के चपेट में आ रहे है. वहीं नहर से सटे सड़क किनारे नगर परिषद द्वारा कूडा डपिंग कराने से लोगों को आवागमन में परेशानी तो होती है, पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है.
क्या कहते है वार्ड सदस्या व चेयरमैन
वार्ड सदस्या मीरा देवी व प्रतिनिधि रवि ठाकुर ने कहां कि वार्ड की दोनों समस्याओं को होने वाली बोर्ड की बैठक में प्रमुखता से रखा जाएगा. वहीं चेयरमैन सुनीता गुप्ता व प्रतिनिधि सुमित गुप्ता ने कहां कि नगर परिषद क्षेत्र के लिए सबसे बड़ी समस्या है, इसको बोर्ड की बैठक में इसका निदान किया जाएगा.
शहर में जल जमाव पर होगी गंभीरता से पहल
नगर परिषद कार्यपालक पदाधिकारी अनिरूद्ध कुमार ने इस बाबत कहां कि नगर परिषद क्षेत्र में कूड़ा डपिंग को लेकर पांच एकड जमीन की चाहिए. इसको लेकर नगर परिषद प्रशासन गंभीरता पूर्वक जमीन की तलाश को लेकर सीओ डुमरांव को लिखेगा, ताकि जमीन मिलें. इसके बाद जगह जगह कूडा डपिंग करना बंद होने से समस्या का निदान हो जाएगा. वहीं लंबे समय सफखाना रोड संत कालोनी में जल जमाव को लेकर कहां कि शहर में होने वाले जल जमाव पर गंभीरता से पहल होगा. ताकि वातावरण प्रदूषित न हो सके
जल जमाव से होने वाले रोग
जल जमाव से हैजा और टाइफाइड बुखार जैसी खतरनाक बीमारियां, अन्य जलजनित रोगों में दस्त, पेचिश, पोलियो और मेनिन्जाइटिस शामिल है. धुलाई के लिए अशुद्ध पानी से त्वचा और संक्रामक नेत्र रोग जैसे ट्रेकोमा हो सकता है. ट्रेकोमा से दृश्य हानि या अंधापन हो सकता है.
अनुचित अपशिष्ट प्रबंधन के कारण यह फैलती है बिमारियां
क्षय रोग, निमोनिया, दस्त, टेटनस, काली खांसी आदि अन्य सामान्य बीमारियाँ हैं, जो अनुचित अपशिष्ट प्रबंधन के कारण फैलती हैं.
फोटो – सफाखाना रोड संत कालोनी में लंबे समय से जल जमाव
फोटो – महाकाल मंदिर के समीप नहर के किनारे कूड़े का अंबार