बक्सर। किसी सरकारी सेवक का बेदाग़ सेवा ही उसका सम्मान है। यह बातें बक्सर के जिला न्यायाधीश अंजनी कुमार सिंह ने न्यायिक कर्मियों के सेवानिवृति के उपलक्ष्य में आयोजित सम्मान समारोह में कही। जिला न्यायाधीश ने कहा कि न्यायालय के कर्मियों के सेवांत लाभों का निष्पादन उनके सेवानिवृति के पूर्व ही कर दिया गया है जो कि एक गौरव की बात है।
व्यवहार न्यायालय बक्सर के सिरिस्तेदार श्रद्धानंद मिश्र और दफ़्तरी अज़फर आलम के सेवानिवृति के बाद आयोजित सम्मान समारोह में कर्मचारियों की ओर से राकेश कुमार अखौरी ने कहा कि न्यायालय के कर्मचारी चौबीसों घंटे काम करते हैं एवं वरिष्ठ कर्मचारी ही अन्य कर्मचारियों को न्यायिक प्रक्रिया की बारीकियां सिखाते हैं ऐसे में अनुभवी कर्मचारियों की कमी हमेशा महसूस होगी।
सेवानिवृत्त सिरिस्तेदार श्रद्धानंद मिश्र ने कहा कि न्यायालय की सेवा परिवार की सेवा जैसा है एवं पूरा न्यायमण्डल ही एक परिवार जैसा है। उन्होंने ने कर्मचारियों से न्यायालय की सेवा को मंदिर की सेवा जैसा ही करने को कहा है । जिला न्यायाधीश ने सेवानिवृत्त कर्मचारियों को शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया। कर्मचारियों की ओर से गुलदस्ते फूल आदि भेंट स्वरूप दिया गया।
इस अवसर पर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश संदीप सिंह, मनोज कुमार, धर्मेंद्र तिवारी विजेंद्र कुमार, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रेमचंद्र वर्मा, संतोष कुमार, अनुमंडल न्यायिक मजिस्ट्रेट कमलेश सिंह देवू, नन्दलाल प्रसाद, धनंजय तिवारी संतोष कुमार द्विवेदी, अजय कुमार, शैलेश ओझा, बाबुधन राय, केदार पांडेय आदि उपस्थित थे।