
डुमरांव (बक्सर)। सीपीएस प्लस टू उच्च विद्यालय, डुमरांव के प्रतिभाशाली छात्र प्रिंस कुमार गुप्ता ने फाइन आर्ट के क्षेत्र में अपनी अनूठी प्रतिभा का परिचय दिया है। उन्होंने आज समग्र शिक्षा के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (डीपीओ) मोहम्मद शारिक अशरफ की आकर्षक तस्वीर बनाकर उन्हें सप्रेम भेंट दी। डीपीओ ने छात्र के इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि जिले में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, आवश्यकता है तो उन्हें उचित मंच देने की।
विदित हो कि बक्सर जिले के विभिन्न सरकारी विद्यालयों में हाल ही में फाइन आर्ट, संगीत और नृत्य के शिक्षकों की नई नियुक्तियाँ हुई हैं। इन शिक्षकों के मार्गदर्शन में विद्यार्थियों की छुपी प्रतिभाएं सामने आ रही हैं और वे कला के क्षेत्र में नया मुकाम हासिल कर रहे हैं। चौसा उच्च विद्यालय के छात्र आयुष जायसवाल भी फाइन आर्ट के एक उभरते हुए नाम बन चुके हैं। अपनी मेहनत और लगन से उन्होंने एक अलग पहचान बनाई है।
संगीत शिक्षिका पुतुल कुमारी, विजय लक्ष्मी पटेल, रवि रंजन चौबे, सुनीता कुमारी, कश्मीर खान, सीमा पटेल, अनुराग मिश्रा, अनीता यादव, प्रमोद कुमार चौबे और विकास कुमार सहित अन्य शिक्षकों ने विद्यार्थियों की कलाकृतियों की खुले दिल से सराहना की। उनका मानना है कि कला और संगीत जैसी विधाओं से विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास होता है।
बक्सर जिले के विद्यार्थियों में मेहनत की प्रवृत्ति स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। शिक्षक और छात्रों के सामूहिक प्रयास से आज जिले का नाम न केवल शिक्षा बल्कि कला और संस्कृति के क्षेत्र में भी रोशन हो रहा है। गत माह जब शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ‘प्रगति यात्रा 2025’ के तहत सिमरी पहुंचे थे, तब छात्रों ने उन्हें उनकी कलाकृति भेंट की थी, जिसे सभी ने खूब सराहा।
इसी तरह बक्सर जिला पदाधिकारी की भी कलाकृति बनाकर उन्हें भेंट की गई थी। ये सभी प्रयास बताते हैं कि सरकारी विद्यालयों के छात्र अब सिर्फ पढ़ाई ही नहीं, बल्कि कला, संगीत और नृत्य जैसे क्षेत्रों में भी बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं।
समग्र शिक्षा कार्यालय के कुशल निर्देशन में जिला अब कला के क्षेत्र में भी प्रगति के पथ पर अग्रसर है। संभव प्रभारी डॉ. तेज बहादुर सिंह ने बताया कि शिक्षक का दायित्व है कि वह विभागीय दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए छात्रों की प्रतिभा को उभारें। वहीं, कला के नोडल शिक्षक डॉ. मनीष कुमार शशि ने कहा कि जिले में कलाकारों की कोई कमी नहीं है, अगर इन्हें समय-समय पर मंच मिलता रहा, तो कई विद्यार्थी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर तक जिले का नाम रोशन करेंगे।
इस प्रकार बक्सर का शिक्षा जगत अब कला के क्षेत्र में भी एक नई पहचान बना रहा है।