आयुष्मान भारत योजना के तहत हुआ जन्मजात बिमारी का इलाज, परिजनों के चेहरे खिलें

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डुमरांव. अनुमंडल अस्पताल में नवजात बच्चें के परिजनों के चेहरे पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा चल रहें आयुष्मान भारत योजना के तहत खुशी देखने को मिली. अस्पताल में लगभग 45 दिन पहले पति कुर्मी की गली, छठिया पोखरा निवासी नवजात विशाल, पिता राजु प्रजापति लेकर पहुंचा था. अस्पताल में पदस्थापित हड्डी रोग विशेषज्ञ डा. सुमीत सौरभ ने नवजात बच्चें का पैर देखा. उन्होने मरीज के परिजनों को आश्वस्त किया कि बच्चें का पैर कुछ हद तक सीधा हो सकता है.

लगभग प्रत्येक सप्ताह पैर पर प्लास्टर होता रहा, बदलता रहा. इसके बाद बच्चें का पैर बहुत हद तक सीधा दिखने लगा. डा. सुमीत सौरभ ने कहां कि 15 दिन का नवजात बच्चा का पैर दिखाने के लिए अस्पताल में लेकर परिजन आए थे. आज बच्चें को देखकर परिजनों के चेहरे पर खुशी देखने को मिली. डुुमरांव जैसेे शहर मंे लगभग 20-25 हजार का खर्च आता. लेकिन आयुष्मान भारत योजना के तहत ऐसा हो सका. जिसमें परिजनों को कोई खर्च नहीं देना पड़ा. अनुमंडल अस्पताल में पहली बार इस तरह नवजात बच्चें का इलाज हुआ. ऐसेे कार्य से अनुमंडलीय अस्पताल पर लोगोें का विश्वास बढ़ेगा.  

प्लास्टर से पहले
प्लास्टर के बाद
परिजन के साथ नवजात बच्चा, डाक्टर
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