डुमरांव। कोरान सराय मुख्य चौक पर आज सनातनी हिंदुओं 14 अगस्त 1947 को भारत के विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में पूरे बाजार में कैंडल मार्च कर आक्रोश व्यक्त किया। 14 अगस्त 1947 को बंटवारा के क्रम में लाखों हिंदुओं एवं सिखों को कत्लेआम किया गया। लाखों माता बहनों का कोख उजड़ दिया गया। मांग सूनी कर दी गई।
बांग्लादेश में सनातनी हिंदुओं का नरसंहार किया जा रहा है। जुल्म और अत्याचार किया जा रहा है। हिंदुओं के मंदिर एवं घर को जलाया जा रहा है। इसको लेकर आक्रोशित हिंदुओं ने पाकिस्तान मुर्दाबाद, बांग्लादेश मुर्दाबाद का गगन भेदी आकर्षित नारेबाजी किया। सनातनी हिंदुओं ने अपना आक्रोश व्यक्त करते हुए कहां कि जब भारत का बंटवारा धर्म के आधार पर किया गया।
पाकिस्तान मुस्लिम राष्ट्र बना। फिर भारत को सेकुलर राष्ट्र बनाना सरासर गलत है। भारत को भी हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाए। बांग्लादेश में हो रहें हिंदुओं पर जुल्म और अत्याचार के विरुद्ध भारत सरकार बांग्लादेश को भी दो टुकड़ा करके हिंदुओं के लिए अलग देश बनाने की पहल करें। बांग्लादेश में हो रहे हिंदुओं अत्याचार पर भारत सरकार त्वरित बांग्लादेश पर कठोर सैन्य कार्रवाई करें।
आक्रोश मार्च का नेतृत्व संतोष दुबे दयाशंकर तिवारी, भोला जी तिवारी, छोटू तिवारी, हलचल प्रसाद, नारद शाह, उप मुखिया उमाकांत तिवारी, पूर्णानंद मिश्रा, मोहन तिवारी, दुर्गा दत्त मिश्रा, राम प्रसाद गोंड, देवानंद चौरसिया, पिंटू शाह, अजीत केसरी, योगेंद्र तिवारी, अमित शाह, जीवित प्रसाद चौरसिया, नरेंद्र पांडे इत्यादि सैकड़ों लोग कैंडल आक्रोश मार्च में शामिल रहें।