डुमरांव. मंगलवार को प्रखंड के आंगनबाड़ी केंद्रों पर उत्सवी माहौल में राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया गया. नुआंव पंचायत के पूर्व पासवान टोला आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 47 पर महिला पर्यवेक्षिका उषा कुमारी की उपस्थित में सेविका लीलावती देवी द्वारा राष्ट्रीय बालिका दिवस का आयोजन किया गया. जिसमें महिला पर्यवेक्षिका द्वारा किशोरियों को संबंधित जानकारी दी गई. इस दौरान बच्चियों व महिलाओं को बताया गया कि समाज निर्माण में महिलाओं का समान योगदान है. लड़कियों को भी निर्णय लेने का अधिकार है. इसमें सभी क्षेत्रों के लोगों को शामिल किया गया है.
सीडीपीओ नीरू बाला ने बताया कि देश में हर वर्ष 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है. वर्ष 2008 में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने इसकी शुरुआत की थी. इस दिन विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. जिसमें गर्भ में बच्चियों का बचाव, बालिका दर में वृद्धि, उनके स्वास्थ्य और स्वच्छता दर बढ़ाने सहित अन्य जागरूकता कार्यक्रम शामिल रहता है. राष्ट्रीय बालिका दिवस को मनाने के लिए 24 जनवरी का दिन इसलिए चुना गया कि इसी दिन 1966 में इंदिरा गांधी ने भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली थी.
इसका उद्देश्य समाज में बालिकाओं को उनके अधिकारों एवं उनके साथ होने वाले भेदभाव के प्रति जागरूक करना है. इसका उद्देश्य लोगों के बीच लड़कियों के अधिकार को लेकर जागरूकता पैदा करना और लड़कियों को नए अवसर मुहैया कराना है. हमारे देश में बालिका हित में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं. जिसमें लिग भेदभाव के लिए अल्ट्रासाउंड परीक्षणों को अवैध करार दिया गया है. बाल विवाह पर प्रतिबंध लगा है. राज्य सरकारों द्वारा विभिन्न योजनाओं की शुरुआत की गई है. सरकार ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना शुरू की है. देश में पहली बार लिगानुपात में सुधार हुआ है, पुरुषों से ज्यादा महिलाओं की संख्या हुई है.
रैली व विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से बालिकाओं को जागरूक किया गया. उन्हें राष्ट्रीय बालिका दिवस के महत्व को बताया गया. इस दरम्यान शपथ दिलाने के साथ खाली जगह पर पौधारोपण किया गया. आंगनबाड़ी केंद्र पर आकर्षण रंगोली किशोरियों द्वारा बनाया गया था. मौके पर किशोरियों में श्वेता कुमारी, काजल कुमारी, निशु कुमारी, शिशु कुमारी, सोनाली कुमारी, रंजू देवी, माया कुमारी, चंदा कुमारी सहित अन्य उपस्थित रही.
