अमेरिका फ्रीमान्ट कैलिफोर्निया में व्रतियों का खरना के प्रसाद ग्रहण के बाद 36 घंटे का निर्जला उपवास प्रारंभ
धार्मिक अनुष्ठान पूरा कर छठ व्रतियों ने किया खरना का प्रसाद ग्रहण, पहला अर्ध्य आज
डुमरांव. छठ में खरना का अर्थ है शुद्धिकरण. यह शुद्धिकरण तन तक नहीं होकर मन से भी जुड़ा है. उक्त बातें बिहार राज्य के बक्सर जिला अंतर्गत डुमरांव की रहने वाली सलोनी मिश्रा ने फ्रीमान्ट कैलिफोर्निया अमेरिका में इस बार छठ पूजा के दौरान कहीं. उन्होने आगे कहां कि खरना के दिन केवल रात में भोजन करके छठ के लिए तन और मन को व्रती शुद्ध करते हैं.
खरना के बाद व्रती 36 घंटे का व्रत रखते हुए सप्तमी को सुबह अर्घ्य देते है. शांति का ध्यान रखा जाता है. खरना का प्रसाद ग्रहण करते समय पूर्ण शांति जरूरी है. नियम के अनुसार उस समय किसी तरह का शोर नहीं होना चाहिए. व्रती के कान में किसी की आवाज आ जाती है, तो वह उस समय प्रसाद खाना रोक देते हैं.
इसलिए व्रती द्वारा प्रसाद ग्रहण करते समय घर के सभी लोगों को बता दिया जाता है कि व्रती प्रसाद खाने जा रहे है, शांति से रहें.इसलिए इस समय लोगों को पटाखेबाजी भी नहीं करना चाहिए. लोकआस्था के महापर्व छठ के दूसरे दिन शनिवार को छठव्रतियों ने स्थानीय तालाबों, जलाशयों नदियों या अपने घरों पर स्नान करने के बाद खरना का प्रसाद बनाया.
अमेरिका फ्रीमान्ट कैलिफोर्निया में बिहार के रहने वाली सलोनी मिश्रा, डुमरांव, मनीषा पाठक आरा, कल्पना कुमारी बेगुसराय, सुभा सिन्हा पटना सहित दर्जनों महिलाओं द्वारा लोक आस्था का महापर्व छठ पर्व उत्साह के साथ मनाया जा रहा है. खरना का प्रसाद बनाने के साथ व्रतियों ने प्रसाद ग्रहण किया, उसके बाद परिजनों व आसपास के लोगों के बीच वितरण किया गया.
सलोनी मिश्रा ने बताया कि यहां आने के बाद बिहार के सैकड़ों लोग मिलें. बिहार में होली, दीपावली, छठ जैसे पर्व बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है. बता दें कि व्रती महिला-पुरूष शाम के समय शांत वातावरण में खरना का धार्मिक अनुष्ठान पूरा कर प्रसाद ग्रहण किया. व्रतियों के प्रसाद खाने के बाद श्रद्धालुओं के प्रसाद खाने का दौर शुरू हुआ, जो देर रात तक चलता रहा.
इसके साथ ही तकरीबन 36 घंटे का व्रतियों का निर्जला उपवास शुरू हो गया. व्रती अब उदीयमान सूर्य को अर्ध्य देने के बाद प्रसाद ग्रहण कर उपवास तोड़ेंगी. वहीं रविवार को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्ध्य दिया जाएगा.
इसके लिए व्रती तालाब, पोखर में स्नान कर शाम में अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को पहला अर्ध्य देंगी. फिर सोमवार को सुबह जल में उतरकर भगवान की आराधना करेंगे. साथ ही उदीयमान भगवान भास्कर को अर्ध्य अर्पित कर घाट पर ही प्रसाद ग्रहण कर व्रत का समापन करेंगी.
छठ व्रतियों का 36 घंटे का उपवास भी शुरू
छठ पूजा करने वाले व्रती शनिवार को पूरे दिन उपवास के बाद संध्या में दूध और अरवा चावल से बनें खीर और अन्य पूजा सामग्री भगवान भास्कर को अर्पित कर खरना किया.
खरना के बाद व्रतियों का 36 घंटे का उपवास भी शुरू हो गया है. खरना का प्रसाद ग्रहण करने को लेकर लोग देर रात तक व्रतियों के घर पहुंचते रहें.
रविवार को भगवान भास्कर के अस्ताचलगामी सूर्य को अर्ध्य अर्पित किया जाएगा. सोमवार को उदीयमान भगवान भाष्कर को अर्ध्य अर्पित करने के साथ व्रत संपन्न हो जाएगा.
पर्व को लेकर नगर परिषद के द्वारा छठ घाटों व तालाबों की साफ-सफाई पूर्ण कर ली गई है.