बक्सर : बिहार के सरकारी विद्यालयों में शनिवार को विद्यार्थी बैगलेस होकर विद्यालय परिसर में प्रवेश करेंगे. शिक्षा विभाग बिहार सरकार के द्वारा जारी आदेश के तहत सरकारी विद्यालयों में गतिविधि को विशेष महत्व देने की बात है. विगत दिन बिहार के माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस संबंध में शिक्षा दिवस के अवसर पर यह घोषणा की प्रत्येक माह के लिए वार्षिक कैलेंडर के माध्यम से गतिविधि को महत्व देना है प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में इस तरह की गतिविधियों से बच्चे काफी प्रभावित होते रहे हैं विगत दिन चहक निष्ठा मुख्यमंत्री विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम में शिक्षार्थी विद्यार्थी ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया गतिविधि के महत्व को काफी सराहा गया है शिक्षा विभाग इन नवाचारी महत्व की चीजों को आगे बढ़ाने के लिए शनिवार को बैगलेस दे घोषित कर चुकी है.
अनुमंडल शहर डुमराव में इस बात की घोषणा सुन शिक्षक और विद्यार्थी काफी खुश हुए. एक शिक्षक ने बताया कि शनिवार को गतिविधि को महत्व मिलने से बड़ा पढ़ाई में किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा गतिविधि के माध्यम से भी जारी होता है. बच्चे और अभिभावक भी इस तरह की घोषणा से काफी प्रफुल्लित हैं. ऑनलाइन फेसबुक प्लेटफार्म टीचर्स ऑफ बिहार टीचर्स ऑफ बिहार द चेंजमेकर के लीडर डॉ मनीष कुमार शशि ने बताया कि हम सभी इसके लिए अनवरत प्रयासरत रहे हैं कि शनिवार को गतिविधि आधारित अध्यापन हो जिसे बिहार सरकार की मुहर लग चुकी है. हमारी टीओबी टीम ने इस संबंध में अपने सुझाव भी शिक्षा विभाग को भेजे थे.
जनवरी में मैं हूं वैज्ञानिक, फरवरी में मैं हूं साहित्यकार थीम के साथ गतिविधि है. मार्च में मैं हूं विरासत प्रेमी संरक्षक. अप्रैल में मैं हूं निर्माणकर्ता, मई में मैं हूं प्रबंध karta करता. जून माह में -मैं हूं कलाकार की थीम. जुलाई माह में- मैं हूं स्वच्छता प्रेमी, अगस्त माह में-मैं हूं देशभक्त की थीम, सितंबर माह में मैं हूं शिक्षक. अक्टूबर माह में-मैं हूं अनुसंधानकर्ता नवंबर माह में-मैं हूं खिलाड़ी और अंतिम माह दिसंबर में मैं हूं समाजसेवक की थीम पर राज्य के प्राथमिक और मध्य विद्यालय के शिक्षक को गतिविधि को महत्व देना है.
बैकलेस सैटरडे का स्वागत करने वाले शिक्षक अनीता यादव, शिल्पम, डॉक्टर पम्मी राय, ऋतुराज, डॉ सुरेंद्र सिंह, विकास कुमार, धनंजय मिश्रा, प्रमोद चौबे, विशाल जायसवाल, जूली जयसवाल, पिंकी जयसवाल, अंजनी चौरसिया इत्यादि शिक्षकों ने किया.