अनुमंडल के 21 शहीदों के नाम पर गांव में तोरणद्वार व स्थापित हो प्रतिमा
डुमरांव. अगस्त क्रांति दिवस पर शहीद स्मारक समिति कपिल मुनी द्वार जिला प्रशासन के खिलाफ धरना दिया. जिसकी अध्यक्षता संजय चंद्रवंशी एवं संचालन महेंद्र राम ने किया. अपने संबोधन में वक्ताओं ने कहा कि सन 1942 के आंदोलन में भारत माता को जंजीर से आजाद कराने के लिए डुमरांव पुराना थाना पर तिरंगा फहराते वक्त 21 क्रांति वीर सपुत शहीद हो गए.
उनके सम्मान में अनुमंडल प्रशासन के विरुद्ध प्रदर्शन किया गया. आजादी के 77 वर्षों बाद भी शहीदों के गांव में उनके नाम आज तक कुछ नहीं हुआ. लोकसभा एवं विधानसभा के जनप्रतिनिधि आज तक शहीदों के परिजन के लिए सरकार के तरफ से किसी प्रकार का सुविधा दिलवाने के लिए सदन में मांग तक नहीं उठाया.
आजादी के 60 वर्ष तक राज करने वाला पार्टी और 15 वर्ष तक राज करने वाला पार्टी आज तक इन लोगों ने शहीदों के पहचान के लिए उनके गांव में तोरण द्वार एवं मूर्ति लगवाने का काम नहीं किया, किसी दल के सांसद, विधायक सामने नहीं आए. यह दुखद है. केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार शहीद परिजन के लिए कुछ नहीं किया.
मुख्य मांग में जिला मुख्यालय एवं अनुमंडल मुख्यालय के सामने शहीदों की मूर्ति स्थापित कर 21 शहीदों के नाम पर तोरणद्वार बनाया जाए. शहीदों के परिजन को 6 डिसमिल जमीन देकर कॉलोनी बनाकर उत्तराधिकारी का प्रमाण पत्र देकर पेंशन दिया जाए. शहीद मेमोरियल हॉल का निर्माण किया जाए, जिसमें एक शाम शहीदों के नाम कार्यक्रम हो सके.
21 वीर सपूत के गांव में तोरण द्वार के साथ मूर्ति स्थापित किया जाए. शहीदों की गाथा पाठ्य-पुस्तक में शामिल किया जाए, ताकि बच्चों को आजादी का इतिहास मालूम हो सके. मौके पर नंद जी गांधी, मनोज चंद्रवंशी, अर्जुन सिंह, बिजली राम, बडक गोड़, जंग बहादुर सिंह प्रभु सिंह ललन कुशवाहा गोपाल चौधरी आदि मौजूद रहे.