केसठ. प्रखंड समेत ग्रामीण क्षेत्रों में सुहागिन महिलाओं ने अपने पति की लंबी आयु के लिए सोमवार को हरतालिका तीज व्रत रखा.शाम को माता पार्वती व भगवान शंकर की विधि-विधान से पूजा कर अखंड सौभाग्य की कामना की. भाद्रपद मास की तृतीया तिथि को हरितालिका तीज के नाम से जाना जाता है. इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं. इस व्रत में जल तक नहीं ग्रहण करने का विधान है.इस व्रत को सबसे पहले माता पार्वती ने किया था.
आज ही के दिन माता पार्वती को भगवान भोलेनाथ पति के रूप में प्राप्त हुए थे. तभी से इस व्रत को सुहागिन महिलाएं अखंड सौभाग्य के लिए रखती हैं.महिलाओं ने सोमवार की सुबह व्रत का संकल्प लेकर भगवान शिव के पूजन की तैयारी की. सुहागिन महिलाओं ने नजदीकी के नहरों और तालाबों के घाटों पर पहुंचकर स्नान किया. महिलाओं ने शाम को सोलह शृंगार कर भगवान शंकर-पार्वती गणेश, कार्तिकेय व नंदी की मिट्टी की प्रतिमा बनाकर विधि विधान से पूजा अर्चना की.
साथ ही उनको भोग भी लगाए गए.फिर मंगल गीतों के साथ आरती उतारी गई. घरों एवं मोहल्ले में सामूहिक पूजन के बाद हरितालिका तीज व्रत की कथा सुनी गई . शिव पार्वती की महिमा के गीत गाए गए. तीज का व्रत आरंभ करने के लिए नव विवाहिताओं में सबसे ज्यादा उत्साह दिखाई दिया. इसके बाद भजन कीर्तन के कार्यक्रम आयोजित किए गए. निर्जला व्रत का पारण मंगलवार को सुहागिन महिलाएं करेंगी.